प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपनी अंडमान और निकोबार की यात्रा के दौरान यहां के तीन द्वीपों के नाम बदलने की घोषणा की है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा यहां तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगांठ एक बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा जाएगा। नील द्वीप को अब से शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप को स्वराज द्वीप के नाम से जाना जाएगा।
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इस खास मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक स्मारक डाक टिकट, ‘फर्स्ट डे कवर और 75 रुपया का सिक्का भी जारी किया। साथ ही उन्होंने बोस के नाम पर एक मानद विश्वविद्यालय की स्थापना की भी घोषणा की। इससे पहले मोदी ने यहां मरीना पार्क का दौरा किया और 150 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया। यहां उन्होंने पार्क में स्थित नेताजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। पीएम मोदी ने कहा कि यहां नेताजी ने तिरंगा फहराकर इस द्वीप को ब्रिटिश शासन से मुक्त किया था।
PM @narendramodi hoists high mast flag to mark 75th anniversary of Hoisting of Tricolour on Indian soil by Netaji in Port Blair. pic.twitter.com/Z17PeoOZ6N
— Narendra Modi PM (@Narendramodi_PM) 30 दिसंबर 2018
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए कहा, ‘जब आज़ादी के नायकों की बात आती है तो नेता जी सुभाचंद्र बोस का नाम हमें गौरव से भर देता है। आज़ाद हिंद सरकार के पहले प्रधानमंत्री सुभाष बाबू ने अंडमान की इस धरती को भारत की आज़ादी की संकल्प भूमि बनाया था। आज़ाद हिंद फौज ने यहां आज़ादी का तिरंगा फहराया था। 30 दिसंबर 1943 की उस ऐतिहासिक घटना को आज 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। आज उसी की याद में यहां पर 150 फीट ऊंचा ध्वज फहराकर हम अपने इस दिन को देशवासियों की चिरस्मृति में अंकित करने का प्रयास किया है।’
आज़ाद हिंद फौज ने यहां आज़ादी का तिरंगा फहराया था।
30 दिसंबर 1943 की उस ऐतिहासिक घटना को आज 75 वर्ष पूरे हो गए हैं।
आज उसी की याद में यहां पर 150 फीट ऊंचा ध्वज फहराकर हम अपने इस दिन को देशवासियों की चिरस्मृति में अंकित करने का प्रयास किया है: PM
— PMO India (@PMOIndia) December 30, 2018
प्रधानमंत्री ने सेल्युलर जेल का भी दौरान किया और उन शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी, जिन्हें अंग्रेज शासित भारत में यहां राजनीतिक बंदी के तौर पर सजा-ए-काला पानी देकर निवार्सित किया जाता था या फांसी पर लटका दिया जाता था। वर्ष 1896 में शुरू होकर 1906 में पूरी हुई इस जेल में बहुत सारे नामी स्वतंत्रता सेनानियों को बंद रखकर यंत्रणाएं दी गई थीं।
अंडमान-निकोबार की सेल्यूलर जेल में प्रधानमंत्री @narendramodi pic.twitter.com/2JFsYYVBhn
— Narendra Modi PM (@Narendramodi_PM) 30 दिसंबर 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनामी से उबरने के लिए कार निकोबार के लोगों को बधाई दी और कहा कि सरकार अंडमान में लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने पर काम कर रही है। यह द्वीप 2004 में आई सुनामी की चपेट में आया था। द्वीप पर प्रचलित संयुक्त परिवार व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां के लोग देश के अन्य हिस्सों के लिए नजीर पेश कर सकते हैं। उन्होंने लोगों को यह भी आश्वासन दिया कि उनकी सुरक्षा सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है।