असम और अरुणाचल प्रदेश के लोगो का 21 साल लंबा इंतज़ार ख़त्म हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बोगीबील पुल से गुजरने वाली पहली यात्री रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखा कर देश के सबसे लंबे इस रेल सह सड़क पुल की शुभारंभ कर दिया है।

तिनसुकिया-नाहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस सप्ताह में पांच दिन चलेगी। कुल 4.9 किलोमीटर लंबे इस पुल की मदद से असम के तिनसुकिया से अरूणाचल प्रदेश के नाहरलगुन कस्बे तक की रेलयात्रा में लगने वाले समय में 10 घंटे से अधिक की कमी आने की उम्मीद है।

बता दें इस पुल की आधारशिला 1997 में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने रखी थी। गुवाहाटी से तकरीबन 442 किलोमीटर दूर ये पुल 4.94 किलोमीटर लंबा है, ये देश का सबसे लंबा रेल-रोड ब्रिज है। इलाके के लोगों के लिए ये पुल एक सपना पूरा होने जैसा है।

इस पुल को चीन के साथ लगती सीमा पर रक्षा साजो-सामान के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन माना जा रहा है। इस पुल की लंबाई 4.94 किलोमीटर है। यह पुल असम के डिब्रूगढ़ को धीमाजी से जोड़ेगा। यह पुल 1987 के असम संधि का हिस्सा है। इस पुल की आधारशिला 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने रखी थी। हालांकि इसका निर्माण कार्य 2002 में अटल सरकार में शुरू किया गया।

भारत और चीन के बीच 4000 किलोमीटर की सीमा है ऐसे में यह पुल भारतीय सेना की गतिविधियों में मददगार साबित होगा। पुल के निर्माण में पांच हजार नौ सौ करोड़ की लागत आई है और यह 120 सालों तक निरंतर सेवा दे सकता है। एशिया के इस दूसरे सबसे बड़े पुल में सबसे ऊपर एक तीन लेन की सड़क है और उसके नीचे दोहरी रेल लाइन है।

यह पुल ब्रह्मपुत्र के जलस्तर से 32 मीटर की ऊंचाई पर है। इसे स्वीडन और डेनमार्क को जोड़ने वाले पुल की तर्ज पर बनाया गया है। यह पुल डिब्रूगढ़ से 17 किमी की दूरी पर है। यहां से सबसे नजदीकी सड़क पुल 225 किमी जबकि सबसे नजदीकी रेल पुल 560 किमी दूर है। ऐसे में यह पुल स्थानीय लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

बोगीबील पुल भूकंप प्रभावित क्षेत्र में बना है। यहां रिक्टर पैमाने के 7 स्केल तक का भूकंप आता रहा है। इस पुल को भूकंपरोधी बनाया गया है जो 7 तीव्रता से ज्यादा के भूकंप में भी धराशायी नहीं होगा। अभी डिब्रूगढ़ से अरुणाचल प्रदेश जाने के लिए व्यक्ति को गुवाहाटी होकर जाना होता है और उसे 500 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करनी होती है।

इस पुल के निर्माण से से यह यात्रा अब 100 किलोमीटर से कम रह जाएगी। यह पुल अरुणाचल में बॉर्डर के समीप भारत यातायात सुगम बनाने के प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इसमें ब्रह्मपुत्र के उत्तरी छोर पर ट्रांस अरुणाचल हाईवे और नदी के ऊपर नया रेल और रोड लिंक का निर्माण शामिल है।

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