Bundelkhand Expressway: उत्तर प्रदेश का ‘बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे’ बन कर तैयार हो गया है। 16 जुलाई यानी आज पीएम मोदी द्वार इसका लोकार्पण किया गया। तय समय से और अनुमानित लागत से कम खर्च पर बने इस एक्सप्रेस- वे से बुंदेलखंड के लोगों को दिल्ली पहुंचने में काफी सहूलियत होगी, साथ ही औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी। यह एक्सप्रेस- वे उत्तर प्रदेश के 7 जिलों से होकर गुजरेगा। जो स्थानीय लोगों को कई तरह के लाभ पहुंचाएगा। बता दें कि साल 2020 में खुद पीएम मोदी ने उसकी आधारशिला रखी थी।

Bundelkhand Expressway: आइए जानते हैं इस एक्सप्रेस- वे की खासियत..
- बुंदेलखंड एक्सप्रेस- वे में यात्रियों की सुरक्षा के लिए 6 पुलिस उपाधीक्षक और 128 पुलिस के जवान तैनात रहेंगे, वहीं करीब 12 वाहन पेट्रोलिंग के लिए लगाए जाएंगे जो 24 घंटे निगरानी करेंगे।
- बुंदेलखंड एक्सप्रेस- वे पर 4 रेलवे ओवरब्रिज 14 लंबे पुल 6 टोल प्लाजा 7 रैंप प्लाजा 266 छोटे पुल 18 फ्लाईओवर बनाए गए हैं।
- 7 जिलों से गुजरने वाले एक्सप्रेस-वे का करीब 100% काम पूरा हो चुका है। 6 हिस्सों में बना बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चित्रकूट के भरतपुर से शुरू होकर इटावा होते हुए आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस-वे से मिलेगा, यहीं से एक्सप्रेस-वे दिल्ली से जुड़ेगा। जिससे दिल्ली की दूरी लोगों के लिए और कम हो जाएगी।
- इस एक्सप्रेस- वे से सात जिलों के 200 से ज्यादा गांवों के लोगों को लाभ मिलेंगा। इससे लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।

- बुंदेलखंड एक्सप्रेस- वे की लंबाई 296 किलोमीटर है। चार लेन चौड़े बुंदेलखंड एक्सप्रेस- वे के दोनों तरफ अतिरिक्त जमीन भी है जिससे अगर भविष्य में अगर गाड़ियों की आवाजाही बढ़े तो इसको चौड़ा कर 6 लेन तक बढ़ाया जा सके।
- अभी तक चित्रकूट से दिल्ली पहुंचने में लगभग 700 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। इसमें करीब 12 से 14 घंटे का समय लगता था। बुंदेलखंड एक्सप्रेस- वे बन जाने के बाद ये दूरी सिर्फ 630 किलोमीटर ही रह जाएगी और इससे लोगों के समय की बचत होगी।
- एक्सप्रेस- वे पर कोई पशु न आने पाएं, इसके लिए दोनों तरफ कंटीली तार लगाई गई है। इसके साथ ही पैदल चलने वाले राहगीरों और पशुओं के लिए अंडर पास भी बनाया गया है। एक्सप्रे- वे के दोनों तरफ पेड़- पौधे भी लगाए जाएंगे।

- बुंदेलखंड एक्सप्रेस- वे 8 नदियों बागेन, केन, श्यामा, चन्दावल, बिरमा, यमुना, बेतवा और सेंगर से होकर गुजरेगा।
- बुंदेलखंड एक्सप्रेस- वे इस इलाके की कनेक्विविटी में सुधार के साथ- साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। बांदा और जालौन जिलों में इस एक्सप्रेस- वे के समीप औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है।
- 296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस- वे पर लोगों की सुविधा के लिए 4 सुविधा केंद्र बनाए गए हैं। इसके अलावा 4 पेट्रोल पंप भी बनाए जाएंगे।
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