प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को एशिया के सबसे बड़ी सुरंग का उद्घघाटन किया। जम्मू-कश्मीर के चेनानी में बनी इस सबसे लंबी सुरंग का उद्धघाटन करने के बाद पीएम जीप में बैठकर सुरंग की यात्रा भी की। इस दौरान वह थोड़ी देर पैदल भी चले। इस सुरंग के माध्यम से जम्मू से कश्मीर घाटी जाने वाले मुसाफिरों के लिए अब यात्रा आसान और सस्ती भी हो जाएगी। पहले जम्मू से कश्मीर की घाटियों में जाने के लिए काफी मुश्किल रास्तों से होकर जाना पड़ता। इन रास्तो से गाड़ी ले जाना भी काफी मुश्किल होता था और ईधन भी ज्यादा खर्च होता था। सुरंग के बनने के बाद यात्री अपना सफर मात्र 55 रुपये में कर सकेंगे और एक अनुमान के मुताबिक हर महिने करीब 30 लाख रुपये का ईंधन बचेगा।
जानिए सबसे लंबे सुरंग की 10 खास बातें:
- इस सुरंग का नाम चनैनी-नाशरी रखा गया है।
- इस सुरंग में 124 सीसीटीवी कैमरे लगे है, हर कैमरे की दूरी 75 मीटर है।
- सभी कैमरे 360 डिग्री घूमने वाले है।
- इस सुरंग को काफी हवादार बनाया गया है ताकि यात्रियों को घुटन महसूस न हो।
- सुरंग में 24 घंटे निगरानी रखने के लिए संचार व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम है।
- सुरंग की लंबाई करीब 9.2 किमी है।
- देश की इस सबसे बड़ी सुरंग का निर्माण करीब साढ़े चार साल में किया गया।
- इस सुरंग को बनाने में कुल लागत करीब 3,720 करोड़ आई है।
- यह सुरंग 1200 मीटर की ऊंचाई पर बनाई गई है।
- सुरंग से हवा बाहर जाने के लिए हर 100 मीटर पर आउटलेट बनाए गए हैं।
सुरंग में आपातकालीन स्थिति के लिए व्यवस्था:
सुरंग में हर 150 मीटर पर एसओएस बॉक्स लगे हैं। आपातकालीन स्थिति में यात्री इनका इस्तेमाल हॉट लाइन की तरह कर सकेंगे। आईटीसीआर से मदद पाने के लिए यात्रियों को एसओएस बॉक्स खोलकर बस ‘हैलो’ बोलना होगा। एसओएस बॉक्स में फर्स्ट एड का सामान और कुछ जरूरी दवाएं भी होंगी ताकि किसी तरह का हादसा होने पर उन्हें तुरंत जरुरी मदद मिल सके।