PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को राजस्थान के दौसा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे-1 का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। पीएम के पहुंचते ही उनके सम्मान में उन्हें चित्तौड़गढ़ के विजय स्तंभ की कृति भेंट की गई। यह विजय स्तंभ वाकई में देश के लिए गर्व की ऐतिहासिक कहानी बयां करता है। मालूम हो कि जिस विजय स्तंभ की कृति को पीएम को भेंट की गई, वह स्तंभ राजस्थान के चितौड़गढ़ किले में बना है। आइए जानते हैं इस विजय स्तंभ की कहानी…

PM Modi: चित्तौड़गढ़ जितना था महमूद खिलजी का सपना
इतिहास के पन्नो में दर्ज कहानियों के अनुसार, 15वीं सदी के पूर्वार्ध में तुगलक वंश कमजोर पड़ने लगा था तब दिल्ली के अलावा मालवा, गुजरात और नागौर में भी मुस्लिम शासक थे। वहीं, इनके पड़ोस प्रदेश मेवाड़ में हिंदू राजा राणा कुंभा का शासन था। मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी को राणा कुंभा की बढ़ती शक्ति परेशान करने लगी थी। वह इनसे डरने भी लगा था। इस डर व चिंता का एक कारण यह भी था कि मालवा व मेवाड़ की सीमाएं एक-दूसरे से लगती थीं। हालांकि, इस बीच खिलजी मेवाड़ को जीतने का भी सपना पाले हुए था। इससे महाराजा राणा कुंभा भलीभांति परिचित थे।

इन दोनों राजाओं द्वारा एक-दूसरे के दुश्मन को शरण भी दी जाती थी। इतिहास के अनुसार, एक बार राणा कुंभा ने खिलजी के दुश्मन उमर खां को शरण दी तब खिलजी ने भी कुंभा के पिता के हत्यारे को शरण दे दी। उसे सौंपने की मांग ठुकराने के बाद महाराणा राणा कुंभा ने महमूद खिलजी के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया।
खिलजी को हराकर राणा कुंभा ने बनवाया विजय स्तंभ
इतिहास के मुताबिक, वर्ष 1437 में सारंगपुर में राणा कुंभा और महमूद खिलजी के बीच भीषण युद्ध हुई। इसमें महाराजा कुंभा ने खिलजी को बुरे तरीके से हराकर उसे बंदी बना लिया। हालांकि, बाद में राणा ने खिलजी को रिहा कर दिया था। वहीं, महमूद खिलजी को हराने और इस युद्ध को जीतने की याद में राणा कुंभा ने चित्तौड़गढ़ में विजय स्तंभ(कृति स्तंभ) का निर्माण करवाया था।
बताया जाता है कि भगवान विष्णु को यह विजय स्तंभ समर्पित है। इसकी ऊंच्चाई लगभग 37.19 मीटर है और यह नौ मंजिला है। इसपर ब्रह्मा, विष्णु, महेश सहित कई देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाई गई हैं। आज यानी रविवार को इसी विजय स्तंभ की प्रतिकृति को पीएम मोदी को भेंट की गई। आय दिन हजारों लोग व विदेशी पर्यटक चितौड़गढ़ किले में बने इस विजय स्तंभ को देखने जाते रहते हैं।
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