प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिम्सटेक सम्मेलन में शामिल होने के लिए काठमांडू पहुंच गये हैं। एयरपोर्ट पर उनकी आगवानी नेपाल के रक्षा मंत्री ईश्वर पोखरियाल ने की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन में आतंकवाद, पड़ोसी देशों से द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने सहित अन्य मुद्दों पर वार्ता करेंगे। इस बैठक में सदस्य देशों के बीच आतंकवाद सहित सुरक्षा के विविध आयाम, मादक पदार्थो की तस्करी, साइबर अपराध, प्राकृतिक आपदा के अलावा कारोबार एवं सम्पर्क से जुड़े विषयों पर चर्चा होगी और आपसी सहयोग मजबूत बनाने पर जोर दिया जाएगा। बिम्स्टेक समूह के नेता आज नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी का आज श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात का कार्यक्रम है। यात्रा पर रवाना होने से पहले अपनी फेसबुक पोस्ट में कल प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिखर बैठक के दौरान वे ‘‘बंगाल की खाड़ी बहु क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल’ (बिम्स्टेक) देशों के नेताओं के साथ क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत बनाने, कारोबारी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के निर्माण में सामूहिक प्रयासों को आगे बढ़ाने के बारे में चर्चा करेंगे।

उन्होंने कहा था ‘‘ शिखर सम्मेलन का विषय ‘‘ शांतिपूर्ण, समृद्ध और सतत बंगाल की खाड़ी’ है और यह हम सभी की साझा आकांक्षाओं एवं चुनौतियों के संबंध में सामूहिक प्रतिक्रिया में मददगार होगा।’ प्रधानमंत्री ने कहा था कि उन्हें विश्वास है कि चौथा बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन अब तक इस समूह के तहत हुई प्रगति को और आगे बढ़ायेगा और शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बंगाल की खाड़ी के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा।

पीएम मोदी ने कहा था कि बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन से इतर उन्हें बांग्लादेश, म्यामां, श्रीलंका, भूटान और थाईलैंड के नेताओं से बातचीत करने का अवसर मिलेगा। मोदी ने कहा था, ‘‘ मैं नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ बैठक को आशान्वित हूं। इस दौरान मई 2018 में अपनी नेपाल यात्रा के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा करूंगा।’

प्रधानमंत्री मोदी और नेपाली प्रधानमंत्री पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में नेपाल भारत मैत्री धर्मशाला का उद्घाटन करेंगे। सात देश के इस समूह में दक्षेस के पांच देश -बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं। इनके अलावा आसियान के दो देश म्यामां और थाईलैंड भी इसके सदस्य हैं।

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