कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए नागरिक उड्डयन नियामक DGCA मास्क (Mask) को लेकर काफी सतर्कता बरत रही है। इसी के साथ DGCA ने कहा कि जो यात्री हवाई अड्डों और उड़ानों में बिना मास्क पहने दिखेंगे और नियमों का पालन करने से इनकार करते हैं,तो उन्हें टेक-ऑफ से पहले डी-बोर्ड किया जा सकता है।

कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए नागरिक उड्डयन DGCA ने कहा कि जो यात्री हवाई अड्डों और उड़ानों में बिना मास्क पहने दिखेंगे, उन्हें टेक-ऑफ से पहले डी-बोर्ड किया जा सकता है। क्योंकि देश के कुछ हिस्सों में कोविड की संख्या बढ़ने लगी है। नागरिक उड्डयन नियामक DGCA ने कहा कि CISF के कर्मी Mask लगाने के प्रभारी होंगे। सुनवाई के दौरान DGCA की ओर से पेश वकील ने कहा कि एयरपोर्ट और एयरक्राफ्ट में मास्क पहनने को गंभीरता से लागू कर रही है। उसके बाद कोर्ट ने DGCA को निर्देश दिया कि वो 18 जुलाई तक इसे लेकर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें।
बता दें कि, बीते शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने नगर विमान महानिदेशक (डीजीसीए) निर्देश दिया था किउन यात्रियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें जो एयरपोर्ट पर मास्क नहीं पहनते हैं। कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा मास्क नहीं पहनने वाले यात्रियों की हवाई यात्रा पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। कोर्ट ने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है और ये कभी भी अपना विकराल रूप दिखा सकता है।

मास्क (Mask) नहीं पहनने पर लगेगा भारी जुर्माना
दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश दिया कि एयरपोर्ट-प्लेन में Mask नहीं पहना तो बाहर निकाल दें। दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (एसीजे) विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कोविड-19 से बचाव से जुड़े नियमों का हवाई अड्डों और विमानों पर मास्क नहीं पहनने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए। जरूरत पड़ने पर उल्लंघन करने वालों को एयरपोर्ट से बाहन करने और फ्लाइट से उतारने देने जैसे एक्शन भी लिए जाने चाहिए।

मास्क (Mask) नहीं पहनने पर ‘नो-फ्लाई’ की सूची में डाले जाऐंगे
अदालत ने कहा कि ऐसे लोगों को ‘नो-फ्लाई’ (उड़ान निषेध) सूची में डाल देना चाहिए। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सख्ती जरूरी है। दरअसल मार्च 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए नागर विमानन महानिदेशक को निर्देश दिया था कि फ्लाइट में कोरोना से संबंधित दिशानिर्देश हर हाल में लागू किए जाएं। जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने कहा था कि कोरोना के दिशानिर्देशों को लेकर एयरलाइंस के कर्मचारी ढिलाई बरत रहे हैं।
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