लोकसभा सुरक्षा चूक मामले में आठ लोकसभा कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। दरअसल कल दो घुसपैठिए लोकसभा कक्ष में कूद गए और कैन से पीला धुंआ छोड़ा। वहीं संसद के बाहर दो अन्य लोगों ने भी ऐसे ही लाल और पीले रंग का धुआं छोड़ा और तानाशाही के खिलाफ नारे लगाए।
चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनकी पहचान सागर शर्मा, डी मनोरंजन, नीलम आज़ाद और अमोल शिंदे के रूप में की गई है। उन पर आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। इनके अलावा ललित झा ने नीलम और शिंदे के वीडियो शूट किए और फिर उनके सेलफोन के साथ भाग गए, जबकि विक्की शर्मा के घर पर सभी आरोपी रुके थे।
लोकसभा के अंदर हंगामा शुरू होने पर कई सांसदों ने घुसपैठियों को घेर लिया। एक वीडियो में कम से कम चार सांसद एक घुसपैठिए पर डंडे बरसाते नजर आ रहे हैं। एक नेता ने उन्हें बाल पकड़कर खींचा, जबकि अन्य उन्हें मारते रहे। पुलिस का कहना है कि चारों लोग अलग-अलग राज्यों से थे और योजना बनाने के लिए पिछले 18 महीनों में कई बार मिले। ये चारों ”भगत सिंह फैन क्लब” नाम के सोशल मीडिया पेज पर जुड़े थे।
गौरतलब है कि 2001 संसद आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर सुरक्षा में ये चूक हुई है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि संसद सुरक्षा उल्लंघन की योजना छह लोगों द्वारा महीनों तक अच्छी तरह से समन्वित और सावधानीपूर्वक बनाई गई थी। पूछताछ के दौरान, आरोपी ने पुलिस को बताया कि उनका उद्देश्य विभिन्न मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना था। सूत्रों ने बताया कि पांचों आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वे बेरोजगारी, किसानों की परेशानी और मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दों से परेशान थे। उनका कहना है कि उन्होंने ध्यान आकर्षित करने के लिए रंगीन धुएं का इस्तेमाल किया ताकि सांसद इन मुद्दों पर चर्चा कर सकें।
एक अधिकारी ने कहा, “उनकी विचारधारा एक जैसी थी और इसलिए उन्होंने सरकार को एक संदेश देने का फैसला किया। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या उन्हें किसी ने या किसी संगठन ने निर्देश दिया था।”
पुलिस कर्मियों द्वारा ले जाए जाने के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम किसी संगठन से नहीं जुड़े हैं। हम छात्र हैं और बेरोजगार हैं। हमारे माता-पिता मजदूर और किसान के रूप में काम करते हैं और कुछ छोटे दुकानदार हैं। ”