
Parliament Attack Anniversary: संसद भवन में आतंकवादी हमले की आज 21वीं बरसी है। आज ही के दिन देश का संसद भवन गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज रहा था। संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा था, विपक्षियों के हंगामे की वजह से सत्र को कुछ समय के लिए स्थगित किया गया था तभी पांच पाकिस्तानी दहशतगर्द गोलीबारी करते हुए संसद भवन की ओर बढ़ने लगे।

Parliament Attack Anniversary: कई सपूतों ने लगाई थी जान की बाजी
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पांच पाकिस्तानी आतंकवादी सफेद रंग के एम्बेस्डर में संसद परिसर में घुसे। तभी जल्दबाजी में आतंकवादियों ने उपराष्ट्रपति के काफिले को टक्कर मार दी। इस पर वहां खड़े सुरक्षाकर्मियों को उनपर शक हुआ। इससे पहले कि सुरक्षाकर्मियों को कुछ समझ आता या वो कुछ पूछ पाते, आतंकवादियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। यह आतंकवादी फायरिंग करते हुए संसद भवन में घुसना चाहते थे लेकिन देश के कुछ वीर सपूतों ने उन आतंकवादियों के गलत मंसूबों को कामयाब होने से रोक दिया। आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने में देश के नौ वीर जवानों ने अपनी जान गंवा दी।

Parliament Attack Anniversary: संसद परिसर में मौजूद थे लगभग 200 सांसद
आतंकवादी संसद परिसर में घुसकर सांसदों और मंत्रियों को अपना निशाना बनाना चाहते थे। लेकिन सुरक्षाकर्मियों की जांबाजी के आगे वे नाकाम रहे। जैसे ही संसद परिसर में गोलियों की आवाज गूंजने लगी सभी सुरक्षाकर्मियों ने सांसदों और मंत्रियों को सुरक्षित कमरे में बंद कर दिया। इस हमले के दौरान संसद में तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत लगभग 200 लोग मौजूद थे।
इस हमले के दौरान एक आंतकवादी को गोली लगते ही उसने खुद को बम से उड़ा दिया। इसके बाद दूसरे आतंकवादी लगातार हाथगोला फेंकने लगे। हालांकि, अंत में देश के जवानों ने उन सभी आतंकवादियों को घेरकर मौत के घाट उतार दिया। इस जवाबी कार्रवाई में 5 जवान, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला और संसद सुरक्षा के दो सुरक्षा सहायक शहीद हो गए थे। साथ ही इस आतंकी हमले में एक माली और न्यूज एजेंसी ANI के कैमरामैन की भी मौत हो गई थी।

Parliament Attack Anniversary: अफजल गुरु था मास्टरमाइंड
इस आतंकी हमले की जांच के बाद सामने आया कि इसका मास्टरमाइंड अफजल गुरु था। यह पाकिस्तान के अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद से ISI कैंप से ट्रैनिंग भी ले चुका था। इसी ने पूरे हमले की साजिश रची थी। साथ ही यह बात भी सामने आई कि मारे गए पांचों आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अफजल गुरु को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद से ही भारत और पाकिस्तान के रिश्ते और भी ज्यादा नाजूक हो गए हैं।
संबंधित खबरें: