पकौड़ा बेचने को रोजगार बताने पर कांग्रेस पार्टी सत्ताधारी बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाती है। हालांकि, तब शायद ही किसी ने यह सोचा होगा कि एक पकौड़ेवाले पर इनकम टैक्स के छापे की नौबत भी आ सकती है। पंजाब के लुधियाना शहर में ऐसा ही हुआ है। शुक्रवार को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सामने पन्ना सिंह ‘पकौड़ेवाले’ ने 60 लाख रुपये सरेंडर किए। एक दिन पहले ही आईटी डिपार्टमेंट ने गिल रोड और मॉडल टाउन स्थित उनके दो आउटलेट्स पर दिनभर सर्वे किया था। इनकम टैक्स विभाग को पुख्ता जानकारी मिली थी कि पकौड़े की दुकान के मालिक टैक्स बचाने के लिए पेपर पर इनकम कम दिखा रहे हैं।
पान सिंह पकौड़ा शॉप अपने स्वाद के लिए सिर्फ लुधियाना ही नहीं, बल्कि पूरे पंजाब में मशहूर है। आयकर विभाग ने उनकी दो दुकानों पर छापा मारा। आयकर विभाग को खबर मिली थी कि दुकान मालिक रिटर्न में अपनी वास्तविक आमदनी को छुपा रहा है। इसके बाद प्रधान आयुक्त डीएस चौधरी के निर्देशन में छाप मारा गया। आयकर विभाग की टीम ने हिसाब किताब रखने वाले सभी रजिस्टर को जब्त किया ही, साथ ही दिन भर दुकान में बैठकर बिक्री का जायजा भी लिया।
इस पूरे मामले पर इनकम टैक्स विभाग ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है, लेकिन पकौड़े की दुकान के मालिक देव राज ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में इनकम टैक्स विभाग के पास 60 लाख रुपये की अघोषित आय सरेंडर की पुष्टि की है। गौरतलब है कि साल 1952 में पन्ना सिंह नाम के व्यक्ति ने गिल रोड में इस पकौड़े के दुकान की स्थापना की थी। कुछ ही सालों में पन्ना सिंह की दुकान पंजाब और आसपास के राज्यों में अपने पनीर पकौड़े और दही भल्ले की वजह से मशहूर हो गई थी। पन्ना सिंह पकौड़ेवाले के ग्राहकों में बड़े राजनेता, पुलिस अधिकारी, नौकरशाह, बिजनसमैन आदि भी शामिल हैं।