Constitution Day 2021: भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। शुक्रवार को संविधान दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के कई बड़े राजनेताओं ने देशवासियों को इसकी बधाई दी। संविधान दिवस के अवसर पर AIMIM प्रमुख और सांसद Asaduddin Owaisi ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा ”26 नवंबर 1949 को हमारे बुजुर्गों ने भारतीय संविधान को अपनाया। संविधान सपनों का एक दस्तावेज है जो हमारे बुजुर्गों ने हमारे लिए देखा था। इसने पुरुषों के शासन को कानून के शासन से बदल दिया। पहली बार एक औपचारिक पाठ ने हमें न केवल राज्य की ज्यादतियों से बल्कि बहुसंख्यकवाद से भी बचाया।”
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उन्होंने यह भी कहा, ” ”इस संवैधानिक वादे को अक्सर धोखा दिया गया है। खासकर जब बात मुसलमानों, दलितों या आदिवासियों की हो। लेकिन यह अभी भी लड़ने लायक है। उन समुदायों के लिए जिन्हें ऐतिहासिक रूप से सत्ता से दूर रखा गया है और संविधान हमें अन्याय से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।”
क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस
भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस (Constitution Day) मनाया जाता है। यह दिन भारत के इतिहास में बहुत ही अहम स्थान रखता है। 26 नवंबर 1949 वह दिन था जब भारत ने संविधान को औपचारिक तौर पर स्वीकार किया था और 26 जनवरी 1950 को लागू किया था। 251 पन्नों की ताकतवर इस किताब के मुख्य निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर हैं। यह दिन उन्हें श्रद्धाजंलि देने के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है। भारत में संविधान को तैयार करने में कुल दो साल 11 महीने और 18 दिन लगे। इसका वजन 3.75 किलोग्राम है।