पिछले साल की तरह इस साल भी पश्चिम बंगाल में दुर्गा मूर्ति विसर्जन को लेकर विवाद पैदा हो गया है। ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन को लेकर 30 सितंबर की शाम 6 बजे से 1 अक्टूबर तक रोक का आदेश दिया है। इस फरमान के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में मुहर्रम के जुलूसों के दौरान दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन पर रोक रहेगी।
बता दें कि इस साल मुहर्रम 1 अक्टूबर को ही पड़ रहा है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट करते हुए कहा, ‘इस वर्ष दुर्गा पूजा और मुहर्रम एक ही दिन पड़ रहा है। मुहर्रम के 24 घंटों को छोड़कर 2, 3 और 4 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन किया जा सकता है।’
गौरतलब है कि कोलकाता हाईकोर्ट में पिछले साल दायर की गई तमाम जनहित याचिकाओं के बावजूद इस साल भी ममता बनर्जी के द्वारा ऐसा किया जा रहा है।
उस वक्त कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के मुहर्रम के चलते दुर्गा मूर्तियों के विसर्जन के लिए समय तय करने के फैसले को मनमाना करार दिया था। हाईकोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि राज्य सरकार का यह आदेश अल्पसंख्यकों को खुश करने कि कोशिश दिखती है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि इससे पहले कभी विजयदशमी के मौके पर मूर्ति विसर्जन पर रोक नहीं लगाई गई थी।
वहीं भाजपा इसे वोट की राजनीति से प्रेरित फैसला बता रही है। इतना ही नहीं भाजपा ने ममता के इस आदेश पर जमकर निशाना साधा है। बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा कि आज मूर्ति विसर्जन पर रोक है, कल ममता बनर्जी दुर्गा पूजा पर बैन लगा देंगी।