ओमिक्रॉन (Omicron) के बढ़ते मामलों को देखते हुए साइबर ठग (Cyber Fraud) भी सक्रिय हो गए हैं। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की मुफ्त टेस्टिंग के नाम पर ठगी करने वाले साइबर अपराधियों से बचने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि साइबर अपराधी, ऑनलाइन ओमिक्रॉन वेरिएंट की मुफ्त टेस्टिंग का ऑफर देकर धोखाधड़ी करने के फिराक में लगे हुए हैं। साइबर ठग फोन कॉल, लिंक भेज कर लोगों को अपना शिकार बना सकते हैं।
Omicron Testing के नाम पर ठगी

गृह मंत्रालय के साइबर और सूचना विभाग ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें लिखा है, साइबर सुरक्षा की टीम इस वक्त पूरी तरह से स्वास्थ्य संकट पर लगी हुई है। इस कारण साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बना सकते हैं। साइबर क्रिमिनल लोगों को धोखा देने का तरीका खोज रहे हैं।
आजकल ऑमिक्रोन संस्करण की तरह साइबर अपराध हर दिन बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधी निर्दोष पीड़ितों को ठगने के लिए तेजी से फैल रहे मामलों का फायदा उठाने के लिए साइबर अपराध को अंजाम देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।’
साइबर अपराधी लोगों को लूटने के लिए फर्जी लिंक और वायरस संबंधी फाइलों को इमेल के जरिए भेज रहे हैं। पीसीआर परीक्षण संबंधी लिंक भी देते हैं। इसमें कहा गया है कि ‘सरकारी और निजी स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही है (उदाहरण के लिए उनके नाम प्रेषक के रूप में उपयोग किए जाते हैं) तांकि सामने वाले को विश्वास में लिया जा सके।
Omicron जांच के लिए भेज रहे हैं लिंक

लिंक पर क्लिक करने वाले संभावित पीड़ितों को धोखाधड़ी करने वालों द्वारा बनाई गई नकली वेबसाइटों की तरफ ले जाया जाता है जो सरकारी/निजी स्वास्थ्य सेवाओं के समान दिखती हैं, जहां नागरिक एक COVID-19 ओमिक्रॉन पीसीआर परीक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं।’
साइबर ठग लोगों से बैंक संबंधित जानकारी भी मांग रहे हैं। फिर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। केंद्र ने लोगों को पहले ही आगाह कर दिया है। सरकार ने ओमिक्रॉन टेस्टिंग के नाम पर दी गई किसी भी लिंक या ईमेल को ओपन करने से सख्त मना किया है। अगर इस तरह का कोई भी कॉल या फिर मैसेज आता है तो Cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत करें।
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