रेलवे मंत्रालय धीरे धीरे अपने यात्रियों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने में जुटा हुआ है। यात्रा के दौरान होने वाली परेशानियों का हल निकालने के लिए मंत्रालय कोई कोताही नहीं बरतता। रेल में यात्रा के दौरान सबसे बड़ी समस्या है कंफर्म टिकट मिलना। इसी समस्या को देखते हुए मंत्रालय ने यह कदम उठाया है।
ट्रेन से सफर करने के लिए आपको तीन महीने पहले ही टिकट लेना होता है। वो भी अगर त्योहार का सीजन रहा तो तीन महीने पहले भी कंफर्म टिकट नहीं मिल पाती। लेकिन रेलवे अब इसी परेशानी से निजात दिलाने के लिए अपने यात्रियों को कंफर्म टिकट देने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। अगर रेलवे अपनी स्कीम को परवान चढ़ाने में कामयाब रही तो 2021 से यात्रियों को उनकी पसंदीदा ट्रेनों में कन्फर्म टिकट मिलेगा। यानि अब वेटिंग टिकट वाली यात्रियों की टेंशन खत्म हो जाएगी।
वेटिंग टिकट मिलने का मुख्य कारण है कि ट्रेनों में कमी यानि मांग अधिक और ट्रेनों की सीट की उपलब्धता कम। मंत्रालय ने इसका हल निकालते हुए योजना बनाई है कि रेलवे व्यस्त रुटों पर अधिक ट्रेनें चलाई जाएंगी। विशेष रूप से व्यस्त रुट वाली समस्या दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई मार्गों पर होती है। जिसकी वजह से इन रुटों पर महीनों पहले तक कंफर्म टिकट नहीं मिल पाता है। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इस दिशा में योजना को शुरू कर दिया है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि अगर माली गाड़ियों को अलग गलियारों में स्थानांतरित किया जाए तो समस्या हल हो सकती है। इसके लिए रेलवे ने काम शुरू कर दिया है। इसके साथ ही ट्रेनों की गति बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
रेलवे ने रेल को 200 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलाने के लिए दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रेल गलियारों पर काम शुरू किया है इस योजना को लागू करने के लिए अगले 3-4 साल में 20,000 करोड़ रुपए का निर्धारण किया है। वहीं नए ट्रैक को जोड़ने का काम भी शुरू किया जा चुका है। रेलवे ने पिछले दो साल में अपने नेटवर्क में 16,500 किलोमीटर ट्रैक जोड़ा है।