निर्भया गैंगरेप केस में चौथे दोषी पवन कुमार गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दायर की है। 3 मार्च को फांसी से पहले पवन गुप्ता ने कोर्ट से अपनी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की अपील की है।
पवन गुप्ता के वकील एपी सिंह ने कोर्ट में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोषी ने अपनी मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का न्यायालय से अनुरोध किया है।

ट्रायल कोर्ट ने निर्भया केस के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए तीन मार्च का डेथ वारंट जारी किया हुआ है। पूरी संभावना है कि तीन मार्च से पहले दो मार्च यानि अगले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई कर इसे खारिज कर देगा, अन्यथा पवन के वकील सुप्रीम कोर्ट से मांग करेंगे कि तीन मार्च के डेथ वारंट पर रोक लगाई जाए।

हालांकि, पवन की क्यूरेटिव पिटिशन के बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने का कानूनी अधिकार बचा है। सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका पर फैसला आने में तीन-चार दिन का समय लगता है जिसके मद्देनजर इस तीन मार्च को डेथ वारंट पर अमल हो पाना मुश्किल है, इसलिए तीन मार्च के बाद एक और नई तारीख का डेथ वारंट जारी होना तय है।

इस मामले में बाकी तीन दोषियों अक्षय, विनय, मुकेश की सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पेटिशन और राष्ट्रपति के समक्ष दायर की गई दया याचिकाएं पहले ही खारिज हो चुकी है।

मुकेश ने दया याचिका खारिज करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट भी दाखिल की थी, जिसे खारिज किया जा चुका है। पवन ने अभी तक क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल नहीं की थी, अब उसने फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने की अपील की है।

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