मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर संदिग्ध स्कॉर्पियो में मिले जिलेटिन कांड पर एनआएई सख्त हो गई है। कांड के कुछ ही दिन बाद से इसमें मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच के अधिकारी सचिन वाजे का नाम सामने आ रहा था इस सिलसिल में एनआईए ने सचिन को गिरफ्तार कर लिया है। एनआईए वाजे को कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही है वहीं आज कोर्ट से कस्टडी भी मांगेगी।

एनआईए के अलावा एटीएस ने भी वाजे से पूछताछ की। अब तक वाजे से एटीएस 4 बार पूछताछ कर चुकी है। इधर वाजे ने पुलिसकर्मियों और मीडियाकर्मियों पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।

बता दें कि वाजे के खिलाफ एटीएस ने ही मनसुख हिरेन की पत्नी विमला हिरेन के बयान के आधार पर हत्या, सबूत नष्ट करने और साजिश रचने के आरोप में मामला दर्ज किया है।

एनआईए ने बताया कि मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को आईपीसी की धारा 286, 465, 473, 506(2), 120 बी और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 4(a)(b)(I) के तहत गिरफ्तार किया गया है।

केस मे वाजे का नाम सामने आते ही विपक्षी दल शिव सेना पर हमलावर हैं। बीजेपी नेता रामकदम ने उद्धव सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, सचिन वाजे का नार्को टेस्ट करना चाहिए जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह बेनकाब हो जाएगी। राम कदम ने ट्वीट कर लिखा, “देखो महाराष्ट्र सरकार की नौटंकी जो पुरे षड्यंत्रका प्रमुख आरोपी है वहीं सचिन वाजे पुरे केस का जांच अधिकारी था। यह सबकुछ जानबूझकर था क्योंकि महाराष्ट्र सरकार कुछ बड़े नामों को बचाना चाहती थी ? वहीं कारण था पूरी सरकार एक साधारण अफसर को बचाने के पीछे पडी थी।”

हालांकि कार मालिक मनसुख हिरेन की रहस्यमयी मौत की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है। पुलिस को अब तक मनसुख का मोबाइल नहीं मिला है जो कि जांच में अहम सुराग साबित हो सकता है।

बता दें कि मनसुख हिरेन मौत मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस कर रही है। अब तक न तो मुंबई पुलिस को और न ही एटीएस को मनसुख का मोबाइल मिल सका है। इस रहस्यमय मौत के मामले में मोबाइल अहम सुराग साबित हो सकता है क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चली मनसुख की मौत की टाइमिंग के बाद तक उसका मोबाइल ऑन था।