उत्तर प्रदेश के कानपुर के पुखराया में 20 नवंबर 2016 को हुए भयानक रेल हादसे का आरोपी शमशुल होदा को नेपाल प्रशासन ने भारत को सौंपने से इंकार कर दिया है। नेपाल सरकार ने कहा है शमशुल नेपाल का दुशमन है, प्रशासन ने दलील दी है कि उसने आईएसआई के साथ मिलकर कई साजिशें रची है और नेपाल में शमशुल पर हत्या का भी मुकदमा दर्ज है।
दरअसल, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आएसआइ नेपाल को बेस बनाकर बिहार के रास्ते भारत में रेल हादसे करवाता है। इन हादसों के लिए आइएसआइ ने शमशुल हुडा और मोती पासवान (आरोपी) जैसे लोगों को मोहरा बनाया था। बिहार के मोतिहारी पुलिस के हत्थे चढ़े तीन शातिर अपराधियों ने बताया कि कानपुर में हुए ट्रेन हादसों और पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन स्टेशन के पास इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस लगाने की साजिश के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ थी। हालांकि घोड़ासहन वाली साजिश में साजिसकर्ता को नाकामी ही हाथ लगी।
आरोपी मोती पासवान ने बताया कि दुबई का अप्रवासी नेपाली का कारोबारी शमशुल होदा ने उसे ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी। मोती के मुताबिक शमशुल आइएसआइ के लिए काम करता है और 1 अक्टूबर 2016 को घोड़ासन में रेल हादसा टल जाने के बाद शमशुल ने इंदौर-पटना और अजमेर-सियालदल एक्सप्रेस को उड़ाने की साजिश बनाई और उसे इन दुर्घटनाएं करवाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। मोती के अनुसार शमशुल के नेटवर्क कई बड़े आतंकवादियों से जुड़े हुए हैं। इन हादसों को अंजाम देने में मोती और शमशुल के साथ और भी लोग थे जिनमें से दो जुबैर और जियाजुल दिल्ली में पकड़े जा चुके हैं।