वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की कल उनके ही घर में घुस कर तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। लंकेश एक मशहूर कन्नड़ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता थी जो निर्भीकता से राइट विंग विचारों और उनकी पॉलिसीज का विरोध करती थी। पुलिस पास की एक इमारत में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से हत्यारों की पहचान में जुटी है। हत्यारों की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमें बनाई गई हैं।
बता दें कि लंकेश उस वक्त अपने घर में थी जब 3 बदमाश उनके घर में घुस गए और बरामदे में खड़ी गौरी पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। हत्यारों ने 7 राउंड गोलियां चलाईं, गौरी को तीन गोलियां लगी और मौक़े पर ही उनकी मौत हो गई।
गौरतलब है कि ‘गौरी लंकेश पत्रिका’ की संपादक गौरी हित्दुत्व की राजनीति की मुखर आलोचक थीं। पिछले साल उन्हें मानहानि केस का दोषी पाया गया था। बीजेपी नेता के ऊपर की गई एक रिपोर्ट के मामले में बीजेपी सांसद प्रह्लाद जोशी ने उन पर मानहानि का केस किया था।
इतना ही नहीं उन्होंने मौत से चौबीस घंटें पहले अपने ट्विटर और फेसबुक पर रोहिंग्या मुसलमानों, नोटबंदी के नुकसान, भारतीय अभिभावकों को समलैंगिकता के बारे में जागरूक करने वाले यूट्यूब वीडियो और केंद्र की नरेंद्र मोदी की आलोचना से जुड़े पोस्ट किए थे। उन्होंने अपने कन्नड़ साप्ताहिक पत्रिका में पिछले तीन महीनों में केंद्र सरकार और उसके नेताओं की आलोचना में कम से कम आठ लेख प्रकाशित किए थे। लंकेश ने अपने आखिरी साप्ताहिक स्तम्भ में गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बच्चों की मौत और डॉक्टर कफील खान को हटाए जाने के खिलाफ लिखा था।
इस वजह से भी भले ही हत्या के कारण और संदिग्धों की अभी तक पुलिस पहचान नहीं कर सकी है ।इसके अलावा इस हत्या को करीब दो साल पहले 30 अगस्त 2015 को मारे गए कन्नड़ साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की हत्या से जोड़कर देखा जा रहा है। कलबुर्गी के अलावा तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्या के पीछे भी हिंदुत्ववादी संगठनों पर आरोप लगते रहे हैं।
एक समाचार वेबसाइट को नवंबर 2016 में दिए इंटरव्यू में गौरी लंकेश ने कहा था, “जब मैं मेरे बारे में किए गए ट्वीट और कमेंट देखती हूं तो मुझे सुरक्षा की चिंता होती है….केवल अपनी निजी सुरक्षा की नहीं बल्कि आज पूरे देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और चौथे खम्भे की आजादी की।”
वहीं अब इस हत्या के बाद हर तरफ इस घटना की निन्दा हो रही है। न सिर्फ पत्रकारिता के लोग बल्कि राजनेता से लेकर बॉलीवुड तक इसकी निंदा करते हुए आक्रोश व्यक्त कर रहा है।
जहां इसपर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने गौरी लंकेश की हत्या पर ट्वीट कर अफसोस जताया है वहीं राहुल गांधी समेत अरविन्द केजरीवाल तक ने इस घटना की घोर आलोचना की है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने लिखा है कि जानी-मानी पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बारे में जानकर स्तब्ध हूं। इस जघन्य अपराध की निंदा करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। ये लोकतंत्र की हत्या है। उनके निधन से कर्नाटक ने एक मज़बूत प्रगतिशील आवाज़ खो दी है, और मैंने एक दोस्त खो दिया है। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हत्या पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे हैरान करने वाला कृत्य बताया है।
Shocked to learn abt murder of tall progressive force & senior journalist Gauri Lankesh. Such cold blooded acts deserve highest condemnation
— CM of Karnataka (@CMofKarnataka) September 5, 2017
उधर बॉलीवुड के मशहूर राइटर जावेद अख्तर ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि दाभोलकर, पनसरे, कलबुर्गी और गौरी लंकेश। अगर एक ही तरह के लोगों की हत्या हो रही है तो उनके हत्यारे कौन हैं।
Dhabolkar , Pansare, Kalburgi , and now Gauri Lankesh . If one kind of people are getting killed which kind of people are the killers .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) September 5, 2017
पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। बीती रात बेंगलुरु में लोगों ने कैंडल मार्च निकाला और आज भी जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन होने हैं। बेंगलुरु, मैंगलोर, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और चेन्नई समेत कई शहरों में आज गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में प्रदर्शन की तैयारी है।