आज गंगा दशहरा है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मां गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था।  इसी दिन मां गंगा भोलेनाथ की जटाओं से निकल कर देवलोक से पृथ्धवी लोक पर आई थीं। उनके पृथ्वी पर आने के बाद ही राजा भागीरथ के पूर्वजों का तर्पण हो पाया था। आस्था है कि गंगा दशहरा के दिन स्नान और दान करने से पाप कट जाता है। साथ ही पूर्वजों की तृप्ति होती है। आज के दिन भोलेनाथ की पूजा का अहम् महत्व होता है। इस बार गंगा दशहरा का पर्व 20 जून यानी आज मनाया जा रहा है।

गंगा दशहरा के दिन किसी पवित्र नदी या गंगा नदी में स्नान करें आप घर पर भी मां गंगा का नाम लेते हुए स्नान कर सकते हैं। इसके बाद सच्चे मन से मां गंगा का ध्यान करें। पूजन में जो भी सामग्री आप इस्तेमाल करते हैं उनकी संख्या दस ही होनी चाहिए। खास कर दस दीपक का प्रयोग करें। इसके बाद अनाज का दान करें या दान का संकल्प लें। किसी कारण वस आप गंगा घाट पर नहीं जा पा रहें हैं तो आप घर में ही बाल्टी में पवित्र गंगा जल मिलाकर स्नान कर लीजिए और सच्ची श्रद्धा के साथ मां गंगा की उपासना कीजिए।

पूजा विधि

मां गंगा की आरती करने से पहले पूरी तरह से श्रृंगार करें। इसके बाद मां को वस्त्र और श्रृंगार की वस्तुएँ अर्पित करें। मां से अखंड सौभाग्य की प्रार्थन करें। अर्पित की हुई वस्तुएँ किसी सौभाग्यवती स्त्री को दान कर दें।

घर से गंगाजल लोटे में भरकर शिव लिंग के समक्ष बैठें। गंगाजल से शिव जी का अभिषेक करें। इसके बाद अमृत मृत्युंजय का जाप करें। अच्छे स्वास्थ्य और लम्बी आयु की प्रार्थना करें।

गंगा आरती

ॐ नमो भगवती हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे माँ पावय पावय स्वाहा “नमो भगवत्यै दशपापहरायै गंगायै नारायण्यै रेवत्यै। शिवायै अमृतायै विश्वरूपिण्यै नन्दिन्यै ते नमो नमः।।

शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 03 मिन से 04 बजकर 44 मिनट तक अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से 03 बजकर 38 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त- शाम 07 बजकर 08 मिनट से 07 बजकर 32 मिनट तक अमृत काल- रात 12 बजकर 52 मिनट से 02 बजकर 21 मिनट तक

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here