माफिया डॉन और बहुजन समाज पार्टी से सांसद मुख्तार अंसारी ने सरकार के साथ बड़ा खेल खेला है। उसने सरकारी जमीन पर जबरन कब्जा कर सरकार से ही 10 करोड़ वसूल लिए। पहले उसने जमीन पर कब्जा किया फिर एक आलीशान गोदाम खड़ा किया, उसे एफसीआई को 1.5 करोड़ सालाना किराए के लिए दे दिया।
दरअसल मुख्तार अंसारी पर तीन मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज है। इसी केस के आधार पर उसे बांदा के जेल में रखा गया है। जांच में खुलासा हुआ कि तीसरे केस में उसने सरकार को ही पागल बनाया था।
आज के 10 साल पहले मुख्तार अंसारी ने मऊ के रैनी गांव में भूमिहार, यादव और गरीबों से डांट डपटकर औने पौने दाम पर जमीन को हथिया लिया था। 15 बीघा जमीन को अपनी पत्नी अफ्शा अंसारी के नाम कर दिया था। साथ ही कुछ हिस्सों को बिजनेस पार्टनर सरजील राजा उर्फ आतिफ, अनवर शहजाद (मेसर्स विकास कंसट्रक्शन) के नाम भी की गई थी। उसके बाद आस पास की जमीन पर कब्जा बना लिया।
कब्जाई हुई जमीन पर गोदाम बनाया, उसे एफसीआई को किराए पर दे दिया। करीब सात साल तक 10 करोड़ वसलूने के बाद इस कांड का भंडाफोड़ हुआ है। जमीन के कुछ हिस्से को जब्त कर दिया गया है। सरकार ने उसे कुर्क कर दिया है।
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर गोदाम बनवाने के मामले में मऊ के दक्षिणटोला थाने में विकास कंसट्रक्शन के नाम से केस दर्ज कराया गया था। जांच पड़ताल में अब जाकर खुलासा हुआ है कि फूड कारपोरेशान ऑफ इंडिया (एफसीआई) जिस गोदाम का इस्तेमाल कर रही है वह अवैध है।
हत्या, रंगदारी समेत मुख्तार अंसारी पर कई गंभीर आरोप हैं। 7 अप्रैल को यूपी की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने 21 साल पुराने एक मामले में मुख्तार को तलब किया है। 12 अप्रैल को आरोप तय करने के लिए मुख्तार को तलब किया गया है। कोर्ट इसके पहले भी तलब कर चुकी है लेकिन मुख्तार अंसारी कभी भी कोर्ट में पेश नहीं हुआ।