Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में रविवार देर शाम को ब्रिज के नदी में गिर जाने से बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में अभी तक 140 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं। हादसे के बाद पुलिस प्रशासन सख्ती में दिख रहा है। पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। पुलिस की टीम ने मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। हादसे के बाद से सरकार और ब्रिज की मरम्मत करने वाली कंपनी पर लोगों के द्वारा कई सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं। फिलहाल, पुलिस जांच में जुटी है।

Morbi Bridge Collapse: पहले 9 लोगों से की गई पूछताछ
मिली जानकारी के अनुसार, ब्रिज हादसे मामले में सोमवार को पुलिस की टीम द्वारा पूछताछ के लिए 9 लोगों को बुलाया गया था। पुलिस ने पहले सभी लोगों से पूछताछ की। बताया गया कि पूछताछ के बाद कुल 9 लोगों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में कंपनी के दो मैनेजर भी शामिल हैं। बता दें कि हादसे के बाद प्रशासन ने जूल ब्रिज प्रबंधन के मैनेजर, रखरखाव की टीम के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। आरोप है कि ब्रिज का उचित रखरखाव नहीं किया गया था।
रेस्क्यू ऑपरेशन है जारी
हादसे के बाद से लगातार राहत और बचाव कार्य जारी है। सेना से लेकर स्थानीय पुलिस और गोताखोर पूरी ताकत से रेस्क्यू में जुटे हुए हैं। इसी बीच एनडीआरएफ कमांडेंट वी.वी.एन. प्रसन्ना कुमार ने बताया कि पानी गंदा होने की वजह से जब पानी के अंदर सर्च करते हैं तो विजिबिलिटी की दिक्कत होती है। इसके साथ ही पुल के गिरने के कारण वहां कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
143 साल पुराना पुल!
ब्रिज के बारे में मिली जानकारी के अनुसार, मोरबी का यह ब्रिज 143 साल पुराना था। इसकी लंबाई 765 फुट और चौड़ाई 4 फुट थी। बताया गया कि इसका उद्धाटन वर्ष 1879 में किया गया था। वहीं, इस केबल ब्रिज को 1922 में मोरबी में राजा वाघवी रावजी ने बनवाया था। वहीं, इसके बाद पुल के मरम्मत होते रहे हैं। इस बार पुल 7 महीने मरम्मत होने के बाद कुछ दिन पहले ही खोला गया था, जिसके बाद यह बड़ा हादसा हुआ है।
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