
Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में रविवार देर शाम को मच्छु नदी पर बने ब्रिज के टूटने से बड़ा हादसा हो गया था। इस हादसे में अभी तक 140 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं। हादसे के दो दिन बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने हादसे वाली जगह का मुआयना किया। पीएम के साथ गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहे। मौके पर पीएम ने वहां मौजूद अधिकारियों से बातचीत की और रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। इसके बाद पीएम ने अधिकारियों के साथ बैठक कर सख्त दिशानिर्देश भी दिया।

Morbi Bridge Collapse: हादसे में जख्मी हुए लोगों से अस्पताल में मिले पीएम
हादसे वाली जगह का मुआयना करने के बाद पीएम मोदी अस्पताल में भर्ती जख्मी लोगों से मिलने पहुंचे। उन्होंने हादसे में जख्मी लोगों से बातचीत कर उनका हाल जाना। पुल हादसे में जख्मी लोगों को मोरबी के सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया है। वहीं, घायलों से मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मोरबी में एसपी कार्यालय पहुंचे। पीएम ने हादसे को लेकर अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की। इस दौरान पीएम ने अधिकारियों को मोरबी ब्रिज हादसे की बारिकी से जांच करने के दिशानिर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि इस मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए। यह पता लगाना है कि आखिरकार यह हादसा कैसे हुआ। घटना से जुड़े सभी पहलुओं पर गंभीरता से जांच होनी चाहिए। पीएम ने अधिकारियों को पीड़ित परिवार से संपर्क बनाए रखने को कहा।
उच्च स्तरीय मीटिंग के बाद हादसे में अपनी जान गंवाने वाले लोगों के 26 परिवार वालों से पीएम ने मुलाकात भी की।
बता दें कि 30 अक्टूबर रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे मोरबी का सस्पेंशन ब्रिज उस वक्त टूट गया, जब उस ब्रिज पर भारी संख्या में लोग चढ़े थे। हालांकि इस हादसे में पुलिस की जांच जारी है और 9 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। वहीं, हादसे की शोक में गुजरात सरकार 2 नवंबर को पूरे गुजरात में राजकीय शोक की घोषणा की है।

रेस्क्यू ऑपरेशन है जारी
हादसे के बाद से लगातार राहत और बचाव कार्य जारी है। सेना से लेकर स्थानीय पुलिस और गोताखोर पूरी ताकत से रेस्क्यू में जुटे हुए हैं। इसी बीच एनडीआरएफ कमांडेंट वी.वी.एन. प्रसन्ना कुमार ने बताया कि पानी गंदा होने की वजह से जब पानी के अंदर सर्च करते हैं तो विजिबिलिटी की दिक्कत होती है। इसके साथ ही पुल के गिरने के कारण वहां कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
143 साल पुराना पुल!
ब्रिज के बारे में मिली जानकारी के अनुसार, मोरबी का यह ब्रिज 143 साल पुराना था। इसकी लंबाई 765 फुट और चौड़ाई 4 फुट थी। बताया गया कि इसका उद्धाटन वर्ष 1879 में किया गया था। वहीं, इस केबल ब्रिज को 1922 में मोरबी में राजा वाघवी रावजी ने बनवाया था। वहीं, इसके बाद पुल के मरम्मत होते रहे हैं। इस बार पुल 7 महीने मरम्मत होने के बाद कुछ दिन पहले ही खोला गया था, जिसके बाद यह बड़ा हादसा हुआ है।
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