Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में 30 अक्टूबर को हुए ब्रिज हादसे में अभी तक 140 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, कई लोग जख्मी हैं, जिनका इलाज मोरबी के सिविल अस्पताल में हो रहा है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस की जांच टीम ने ओरेवा कंपनी के मैनेजर सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया था। अब इन लोगों की कोर्ट में पेशी हो रही है। बुधवार को कोर्ट में पेशी के दौरान ओरेवा कंपनी के मैनेजर दीपक पारेख ने मोरबी ब्रिज हादसे को लेकर कहा “यह भगवान की इच्छा थी।”
Morbi Bridge Collapse: पुल की मरम्मत करती थी ओरेवा कंपनी
बता दें कि पुल की मरम्मत करने के लिए ओरेवा कंपनी को लगाया गया था। हादसे के बाद से इस कंपनी पर कई सवाल खड़े किए गए थे। लगभग 143 साल पुराने पुल के रखरखाव के लिए जिम्मेदार ओरेवा कंपनी के खिलाफ पुलिस टीम ने कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में पुलिस ने कंपनी के मैनेजर को पहले पूछताछ के लिए बुलाया था उसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था। वहीं, आज यानी बुधवार को कोर्ट में मैनेजर दीपक पारेख की पेशी हुई। कोर्ट में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमजे खान से मैनेजर दीपक पारेख ने कहा, “यह भगवान की इच्छा थी कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई।”
पुल की केबल पर लग गई थी जंग-डीएसपी
वहीं कोर्ट के सामने मोरबी के डीएसपी पीए जाला ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पुल की केबल में जंग लग गई थी और इसे पुनर्निर्मित करने वाली कंपनी ने नहीं बदला था। उन्होंने बताया कि सरकार की मंजूरी या गुणवत्ता परीक्षण के बिना 26 अक्टूबर को पुल को जनता के लिए फिर से खोल दिया गया था। रखरखाव और मरम्मत के हिस्से के रूप में, केवल प्लेटफॉर्म बदल दिया गया था। पुल एक केबल पर था और केबल पर कोई तेल या ग्रीसिंग नहीं किया गया था। जहां से केबल टूट गई, केबल में जंग लग गई थी। उन्होंने बताया कि अगर केबल की मरम्मत हुई होती तो ऐसी घटना नहीं होती।
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