झारखंड की राजधानी रांची में आज से दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट “मोमेंटम झारखण्ड” शुरू हो गया है। इस समिट का उद्घाटन केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने किया। 16 और 17 फरवरी को आयोजित इस समिट में देश-दुनिया से कई बड़े उद्योगपति भाग लेने पहुंचे हैं। अरुण जेटली के अलावा मोमेंटम झारखण्ड का हिस्सा बनने केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी भी रांची पहुंचे हैं। आयोजन में टाटा ग्रुप के रतन टाटा, बिड़ला ग्रुप के कुमार मंगलम बिड़ला, वेदांता के अनिल अग्रवाल, जिंदल समूह के नवीन जिंदल, एस्सार समूह के शशि रुइया आदि मौजूद हैं। इस समेलन को प्रोमोट करते नजर आये भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और झारखंड के ब्रांड अंबेसडर महेंद्र सिंह धोनी भी मौजूद हैं। धोनी ने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता के कारण यहां का समुचित विकास नहीं हो पाया है। मेरा यहीं जन्म हुआ है और बड़ा हुआ हूं, मुझे सेलेब्रिटी और क्रिकेटर की तरह न देखा जाए। मैं एक आम आदमी हूं।
मोमेंटम झारखण्ड समिट के उद्घाटन भाषण में अरुण जेटली ने समिट को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का आयोजन इतिहास बदलने वाला है। सांस्कृतिक रूप से देखें तो झारखंड काफी समृद्ध राज्य है। नयी सरकार अच्छा काम कर रही है। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में झारखंड की स्थिति काफी मजबूत है। जल्द ही यहां सर्विस सेक्टर में ग्रोथ दिखेगा लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि राज्य की ज्यादातर आबादी गरीबी में जी रही है। राज्य में शहरीकरण की काफी संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने समिट में आये प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि निवेश के लिए यह सबसे उपयुक्त समय है। झारखण्ड एक तेजी से उभरता हुआ युवा प्रदेश है। यह लगातार भारत का सर्वाधिक विकसित और संपन्न राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ रह है। यह प्रदेश संभावनाओं से भरा हुआ है। झारखण्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया का हिस्सा है। मोमेंटम झारखंड से इसे बड़ी उम्मीद है।
मोमेंटम झारखण्ड समिट का उद्देश्य झारखण्ड में निवेश को बढ़ावा देना है। इसमें झारखण्ड में मौजूद खनिजों के खनन,कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, उर्जा एवं परिवहन इत्यादि क्षेत्रों में बडे पैमाने पर निवेश आने की संभावना है। झारखण्ड में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए यह अपने तरह का पहला आयोजन है। राज्य सरकार ने इसकी तैयारियां काफी पहले से शुरू कर दी थी। सरकार ने इस समिट में कुल 4,500 के लगभग निवेशकों के पंजीकरण की उम्मीद की थी। सरकार के अनुमान से ज्यादा 9,524 निवेशक इस कर्यक्रम में भाग ले रहे हैं।