नोटबंदी के बाद यह पहली बार हो रहा है कि एक बार फिर कैश की समस्या से जनता परेशान है। देश के कई राज्यों में एटीएम के बाहर लोगों की लाइनें खड़ी हैं लेकिन उन्हें पैसा नहीं मिल पा रहा है। लेकिन जनता की इस परेशानी से सरकार बेखबर नहीं है और वो लगातार पैसों की किल्लत को दूर करने के लिए सख्त कदम उठा रही है। बता दें कि देश के कई बड़े इलाकों में फिर से अचानक उभरे कैश संकट ने आम आदमी की चिंताएं बढ़ा दी हैं। कई छोटे शहरों में एटीएम खाली हैं और बाहर ‘नो कैश’ का बोर्ड लगा है। उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार, गुजरात, झारखंड और मध्यप्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में एटीएम में कैश न होने की शिकायत आ रही है।
उधर इसके उलट वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला का दावा है कि नकदी का कोई संकट नहीं है, देश के 80 फीसदी से ज्यादा एटीएम पैसों से भरे हैं। कैश की किल्लत को लेकर लगातार अलग-अलग बयान आ रहे हैं। आरबीआई संकट से निपटने के लिए कैश फ्लो बढ़ाने का दावा कर रहा है। एसबीआई के मुताबिक, कल तक स्थिति सामान्य हो जाएंगी और सरकार का भी दावा है कि स्थिति सामान्य हो रही हैं। लेकिन, वित्त राज्यमंत्री का कहना है कि एटीएम में पर्याप्त पैसा है। वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला के मुताबिक, देश के 80 फीसदी से ज्यादा एटीएम में पैसा भरा पड़ा है। कुछ लोगों के अंदर जनता को भ्रमित करने की आदत होती है। वह इस तरह अपनी इमेज तैयार करना चाहते हैं. शुक्ला ने कहा “मैं भ्रम फैलाने वालों से आग्रह करता हूं कि वो ऐसा न करें।
खबरों के मुताबिक, देश में अनुमानित आधार पर 70,000 करोड़ रुपये की नकदी की कमी को पूरा करने के लिए इस हफ्ते मशीनें 500 और 200 रुपये के नोटों की लगातार छपाई कर रही हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, भारतीय प्रतिभूति मुद्रण और मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) के चारों छपाईखाने औसतन दिन में 18 से 19 घंटे काम करते हैं, सिर्फ तीन से चार घंटे का ही रेस्ट होता है। लेकिन नकदी की अचानक बढ़ी मांग और एटीएम मशीनों में नकदी खाली होने के चलते यह मुद्रणालय हफ्ते के सातों दिन और 24 घंटे काम कर रहे हैं।