बिहार की राजनीति में कब कौन सा सियासी खेल शुरू हो जाए यह कोई नहीं कह सकता। बिहार में विधानसभा चुनाव 2020 में होगा और लोकसभा चुनाव 2019 में। अर्थात फिलहाल बिहार में कोई चुनाव नहीं होने हैं लेकिन वहां की गरम राजनीति में सियासी बगावत अभी से शुरू हो गई है।
बिहार की सत्ताधारी और बड़ी क्षेत्रीय पार्टियों के नेता बगावत पर उतर आए हैं। राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड के नेता एक-एक कर भाजपा का दामन थामते जा रहे हैं। कभी लालू यादव की पार्टी आरजेडी में रहने वाले युवा नेता सम्राट चौधरी पहले तो नीतीश की पार्टी जदयू में शामिल हुए और अब भाजपा का दामन थामने को तैयार हैं। राजद के इस पूर्व नेता को जदयू में शामिल होने के बाद नगर विकास मंत्री भी बनाया गया था।
वहीं बिहार की लालू सरकार में मंत्री और लालू के करीबी रह चुके बसावन भगत भी लालू का साथ छोड़कर बीजेपी के पाले में जानेवाले हैं। बसावन भगत राजद के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं। उन्होंने पार्टी के लिए काफी काम किया है और लालू के बेहद करीबी बताये जाते थे भगत फिलहाल राजद में प्रदेश उपाध्यक्ष थे।
अपनी पुरानी पार्टी छोड़कर जाने के लिए इन दोनों नेताओं ने जो तारीख चुनी है उसको लेकर भी काफी चर्चाएं हो रही है। दरअसल, 11 जून को ही इन नेताओं के पुरानी पार्टी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का जन्मदिन है और ये दोनों नेता उसी दिन भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। बिहार की राजधानी पटना में एक ओर जहां लालू यादव के जन्मदिन की बधाई के पोस्टर लहरा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इन दोनों नेताओं के भाजपा में शामिल होने के पोस्टर भी चिपकाए जा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, यह दोनों नेता बीजेपी के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित पार्टी के कार्यक्रम में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण करेंगे। इसके अलावा चर्चा है कि राजद और जदयू के कई और नेता बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजद के एक और पुराने और बड़े नेता अर्जुन मंडल भी जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। वहीं हाल ही में कांग्रेस की पूर्व विधायक सुनीता देवी ने अपने समर्थकों के साथ भाजपा का कमल खिलाने का बेड़ा उठा लिया था।
इन नेताओं के बगावत के खेल को देखकर लगता है कि 2015 विधानसभा चुनाव में भाजपा जिस महागठबंधन की वजह से हारी थी उसने उसी गठबंधन के मजबूत स्तंभों को अपनी तरफ करना शुरू कर दिया। यहीं कारण है कि एक-एक करके राजद, जदयू और कांग्रेस के नेता भाजपा में शामिल होते जा रहे हैं और भाजपा अपनी आगामी रणनीति को तैयार करते जा रही है।