Cash for Query: रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती सकती हैं। दरअसल, एथिक्स कमेटी की बैठक खत्म हो चुकी है। इसपर हुई वोटिंग के समर्थन में 6 जबकि विपक्ष में चार सांसद थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने बताया कि कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर टीएमसी सांसद की लोकसभा सदस्यता खतरे में आ सकती है।
बता दें, विस्तृत रिपोर्ट शुक्रवार (10 नवंबर) को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंपी जाएगी और महुआ पर अंतिम फैसला उन्हीं का होगा। इसी बीच, महुआ मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश करने वाली लोकसभा आचार समिति की रिपोर्ट को चार विपक्षी सदस्यों ने गलत और पूर्वाग्रह से ग्रसित करार दिया है।

समर्थन में 6 और विपक्ष में 4 सांसद
एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को 6 सांसदों का समर्थन प्राप्त हुआ, इनमें शिवसेना शिंदे गुट के सांसद हेमंत गोडसे, कांग्रेस से निष्कासित सांसद परणीत कौर, बीजेपी सांसद सुवेदनंद, राजदीप रॉय, अपराजिता सारंगी और चेयरमैन विनोद सोनकर शामिल हैं। वहीं, इसके विरोध में कांग्रेस के नटराजन, वैनेटलिंगम, बसपा के दानिश अली, जदयू के गिरधारी यादव ने अपना मत दिया।
Cash for Query: महुआ मोइत्रा पर क्या हैं आरोप?
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर अडानी ग्रुप के मामले में संसद में सवाल किए हैं। इसके बाद दर्शन हीरानंदानी का साइन किया हुआ एक एफिडेविट सामने आया। इसमें उन्होंने दावा किया कि हां, उन्होंने मोइत्रा को पैसे दिए थे। ये सब प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने के लिए किया गया था।
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