अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन का असर रिलीज़ होने से पहले ही दिखने लगा है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र सरकार ने फैसला लिया है कि अब महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में पहले की तुलना में करीब पांच गुना कम कीमतों पर यानि मात्र 5 रुपए में सेनेटरी पैड बेचें जाएंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं और स्कूली बच्चियों को कम दामों पर उपलब्ध कराए जा सके। इसके लिए सरकार एक ऐप भी बनवा रही है, जिसकी मदद से जिसे भी सैनिटरी नैपकिन चाहिए, वो अपना नाम वहां रजिस्टर्ड करवा सकेगी।
सरकारी स्कूलों में घटी एटेंडेंस

एक सर्वे में यह बात सामने आई कि सरकारी स्कूलों में पूरे साल में करीब 50 से 60 दिन तक लड़कियां मासिक धर्म से जूंझने के कारण स्कूल नहीं आती हैं। जब इसका कारण जानने की कोशिश की गई तब पता चला कि गांवों की लड़कियां सेनेटरी पैड का इस्तेमाल नहीं करती हैं, जिस वजह से स्कूल आने में शर्मदगी महसूस करती हैं। सरकार ने महसूस किया कि बच्चियों के स्कूल न आने का असर उनकी पढ़ाई पर तो पड़ता ही हैं, साथ ही सेनेटरी नेपकिन इस्तेमाल न करने का बुरा प्रभाव उनकी सेहत पर भी पड़ता हैं। सभी पहलूओं पर अच्छे से विचार-विर्मश करने के बाद कैबिनेट में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

5 रुपए में मिलेगा पैड

मंगलवार को कैबिनेट सरकार ने पांच रुपए में पैड उपलब्ध कराने की योजना को मंजूरी दे दी। सरकार द्धारा इस योजना को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लागू किया जाएगा। गांव की महिलाओं को अस्मिता ब्रांड के 240 मिमी के आठ सैनिटरी नैपकिन 24 रुपए प्रति पैकेट और 280 मिमी के आठ सैनिटरी नैपकिन के पैकेट 29 रुपए की दर से उपलब्ध कराए जाएगें। इस योजना के तहत सभी बचत समूहों और जिला परिषद स्कूलों में आसानी से पैड उपलब्ध कराया जा सकेगा। 

11 से 19 वर्ष की लड़कियां शामिल

प्रस्तावित योजना के अनुसार, जिला परिषद के स्कूलों में 11 से 19 आयु की लड़कियों को 5 रुपए प्रति पैकेट की दर से सेनेटरी नैपकिन मुहैया कराए जाएंगे, इसके लिए सरकार ने 1 करोड़ रुपए का आवंटन किया है।

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