Lok Sabha: संसद के शीतकालीन सत्र को खत्म होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। आज महिला एवं बाल विकास मंत्री Smriti Irani ने Lok Sabha में Prohibition of Child Marriage (Amendment) Bill पेश किया। पिछले हफ्ते केन्द्र सरकार ने बिल को मंजूरी दी थी।
Lok Sabha में बिल पास होने से होगा कई कानूनों में संशोधन
कैबिनेट ने पिछले हफ्ते केंद्र द्वारा महिलाओं की शादी की कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। आज विधेयक को पारित करने के लिए संसद में पेश किया गया है, यदि यह बिल पास हो जाता है तो महिलाओं के लिए विवाह की कानूनी उम्र 21 वर्ष हो जाएगी। आज Lok Sabha में पेश किया गया विधेयक विवाह की उम्र को नियंत्रित करने वाले व्यक्तिगत कानूनों जैसे Child Marriage Prohibition Act, 2006, Special Marriage Act और Hindu Marriage Act, 1955 में संशोधन करेगा।
समानता के लिए विवाह के उम्र में बदलाव जरूरी

Lok Sabha में स्मृति ईरानी ने कहा कि हमारे देश में महिलाओं की समानता को शादी की उम्र में भी देखा जाना चाहिए। विभिन्न धर्मों के विभिन्न विवाह कानूनों का आह्वान करते हुए, मैं संशोधन विधेयक पेश करती हूं।”
Lok Sabha में विपक्ष कर रहा विरोध, कहा 18 साल में वोट दे सकते हैं लेकिन शादी नहीं कर सकते?

इस बिल को लेकर Lok Sabha में विरोध भी हो रहा है। Congress के Adhir Ranjan Chowdhury, Gaurav Gogoi, AIMIM सांसद Asaduddin Owaisi, Trinamool Congress के Saugata Roy समेत कई विपक्षी नेताओं ने बिल पर आपत्ति जताई है।
Adhir Ranjan Chowdhury ने कहा कि सरकार ने संशोधन पेश करने से पहले किसी से सलाह नहीं ली और सुझाव दिया कि विधेयक को सीधा स्थायी समिति को भेजा जाए। साथ ही उन्होनें कहा, “यह दूसरी या तीसरी बार है कि सरकार विपक्ष से बिना परामर्श किए बिल ला रही है। वहीं Gaurav Gogoi ने कहा, ” कानून आयोग को भी विधेयक पर आपत्ति थी इसलिए इसे स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए।”
Asaduddin Owaisi ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, कार्यक्रम का हवाला देते हुए कहा, “यह मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। 18 साल की उम्र में वोट दे सकते हैं लेकिन शादी नहीं कर सकते ? आपका ‘बेटी बचाओ कार्यक्रम’ किस बारे में है?”
पुरुषों और महिलाओं को समान अधिकार प्रदान करने में 75 साल की देरी कर रहे हैं
इन सब बातों का जवाब देते हुए Smriti Irani ने कहा, “आजादी के इतने सालों के बाद, पुरुषों और महिलाओं को विवाह में समान अधिकारों की आवश्यकता है। यह संशोधन पुरुषों और महिलाओं को 21 साल की उम्र में शादी करने की अनुमति देता है। हमारे शोध से पता चला है कि 21 लाख बाल विवाह को रोका गया है और कई कम उम्र की लड़कियों को गर्भवती पाया गया है। इसलिए आप महिलाओं को उनके समानता के अधिकार से रोक रहे हैं।”

Smriti Irani ने कहा, “हम अपने लोकतंत्र में पुरुषों और महिलाओं को विवाह के लिए समान अधिकार प्रदान करने में 75 साल की देरी कर रहे हैं। 19वीं शताब्दी में महिलाओं की शादी की उम्र 10 साल थी, जो 1984 में 15 साल हुई, पहली बार महिला और पुरुष एक ही समय में शादी करने का फैसला ले सकते हैं। जो लोग कहते हैं कि यह संशोधन धर्मनिरपेक्ष नहीं है, मैं उन्हें Supreme Court ने जो कहा है, उसे दिखाना चाहूंगी। Supreme Court ने कहा है कि अधिनियम धर्मनिरपेक्ष है और सभी व्यक्तिगत कानूनों और धर्म के दृष्टिकोण से महिलाओं को समान अधिकार मिलना चाहिए।”
स्त्री संबंधित मुद्दों की जांच के लिए बनायी गई है Task Force
Jaya Jaitly की अध्यक्षता में केंद्र की Task Force द्वारा December 2020 में NITI Aayog की सिफारिश के बाद Cabinet ने बेटियों की शादी की उम्र ( Marriage Age of Girls) बढ़ाने वाले संशोधन पर मुहर लगा दी थी। केंद्र की Task Force का गठन महिलाओं के मां बनने की उम्र से संबंधित समस्याओं, मातृ मृत्यु दर (MMR) को कम करने, पोषण स्तर में सुधार और स्त्री संबंधित मुद्दों की जांच करने के लिए किया गया था। केंद्र की Task Force में NITI Aayog के सदस्य Dr. V.K Paul भी Women and Child Development Department की ओर से शामिल थे।
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