उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को दिए गए सरकारी बंगले को खाली करने का मामला गर्माता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के उस कानून को खारिज कर दिया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगला देने का प्रावधान किया गया था। इस फैसले के आते ही पूर्व मुख्यमंत्रियों के खेमे में हड़कंप मच गया था। जिसके बाद अपना बंगला बचाने की गुहार लिए पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे। इस दौरान सीएम आवास पर चली 30 मिनट की बैठक में मुलायम ने योगी को एक पत्र देकर उपाय सुझाया था कि उनका बंगला किस तरह बचाया जा सकता है। लेकिन मुलायम सिंह यादव का यह पत्र अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया है। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने रवैया अपनाते हुए अपने निजी सचिव पितांबर यादव और अपने प्रमुख सचिव के पीए शशिपाल को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
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दरअसल, इस मामले में सीएम योगी ने नाराजगी जताते हुए सीएम ऑफिस के दो अधिकारियों को तत्काल रूप से इसलिए हटाया क्योंकि मुख्यमंत्री ऑफिस के पंचम तल से गोपनीय पत्र लीक होना बेहद ही गंभीर मामला है। इसलिए सुरक्षा के लिहाज से यह कदम उठाया गया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शुक्रवार को नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन के भीतर सरकारी आवास खाली करना होगा।
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इस मामले में 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने लोकप्रहरी नाम के एनजीओ की याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी सरकार के कानून को रद्द करते हुए कहा था, कि यह कानून समानता के मौलिक अधिकार के खिलाफ है। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यदि कोई शख्स मुख्यमंत्री का पद छोड़ देता है तो वह आम आदमी के बराबर हो जाता है। इसलिए उसे ताउम्र के लिए सरकारी सुविधाएं देना गैरकानूनी और असंवैधानिक है।
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बता दें सुपीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से ही यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों पर गहरा संकट छा गया था। जिसके बाद बुधवार को सपा अध्यक्ष मुलायम ने मुख्यमंत्री योगी से उनके सरकारी आवास 5 कालिदास पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अपने और अखिलेश यादव के सरकारी बंगलों को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी और नेता विधान परिषद अहमद हसन के नाम पर आवंटित करने के लिए कहा।
उल्लेखनीय है कि मुलायम सिंह यादव ने ये सुझाव चिट्ठी के जरिए सीएम योगी को दिया था लेकिन इस चिट्ठी के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सीएम योगी ने अपने दो सरकारी अधिकारियों को तत्काल रूप से हटा दिया है।