Lakhimpur Kheri case: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार कल हुई घटना को लेकर सुनवाई हुई। अदालत ने कहा है कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसी घटनाओं में किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। वहीं सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी है कि आगे से इस तरह के विरोध प्रदर्शन नहीं होने चाहिए।
विरोध प्रदर्शन के लिए नहीं मिलेगा जगह: SC
अदालत ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की इजाजत मांग रहे किसान महापंचायत को फटकार लगायी है। जस्टिस खानविलकर ने कहा जब आप कानून को कोर्ट में चुनोती दे चुके है। इसके बाद भी आप प्रदर्शन कर रहे है। तब किसका विरोध कर रहे है।जस्टिस खंडविलकर ने कहा मामले को जल्द निपटारे की मांग करते तो समझ आता है। आप विरोध प्रदर्शन के लिए जगह दिए जाने की मांग कर रहे है। कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता की ओर से क़ानून को एक कोर्ट मे चुनौती दी गई है तो फिर क्या मामला अदालत में लंबित रहते हुए विरोध प्रदर्शन की इजाजत दी जा सकती है? प्रदर्शन की इजाज़त मांगने का क्या औचित्य है?
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के Lakhimpur Kheri के तिकुनिया इलाके में रविवार को हुई घटना को लेकर देश भर में आक्रोश देखने को मिल रहा है। हालांकि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर FIR दर्ज कर लिया गया है। इधर पीड़ित परिवारों से मिलने जा रही प्रियंका गांधी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। सोमवार सुबह उन्हें सीतापुर के हरगांव से हिरासत में लिया गया था। वहीं अन्य नेता अखिलेश यादव और जंयत चौधरी भी आज लखीमपुर पहुंचने की तैयारी में थे जिन्हें प्रशासन ने नहीं जाने दिया। बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।