देश की राजधानी दिल्ली में कई ऐतिहासिक पलों का गवाह बन चुके रामलीला मैदान में आज लगातार बढ़ती ठंड और कोहरे के बीच केंद्र सरकार से कई तरह के राहत उपायों की मांग को लेकर देश भर के किसान, ‘किसान गर्जना’ रैली’ (Kisan Garjana Rally) कर रहें हैं। आज यानी 19 दिसंबर 2022 को उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, हरियाणा समेत देश के कई राज्यों से किसान दिल्ली पहुंचें थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक संगठन भारतीय किसान संघ द्वारा इस रैली से पहले एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि अगर सरकार ने किसानों का मांगों पर समय रहते गौर नहीं किया तो उसे परेशानी का सामना करना पड़ेगा। रैली के लिए देश भर से किसान बसों, ट्रैक्टरों और मोटरसाइकिलों से दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचें थे।
क्या है किसानो की मांगें?
Kisan Garjana Rally रैली के आयोजक भारतीय किसान संघ का कहना है कि फल, सब्जियां, अनाज, दूध आदि उपलब्ध कराने वाले किसान आज भी अपनी फसलों एवं डेयरी प्रॉडक्टस का उचित मूल्य न मिलने से बहुत निराश हैं जिसके कारण वो आत्महत्या कर रहे हैं।
भारतीय किसान संघ का कहना है कि-
सभी कृषि प्रॉडक्टस के बदले उचित मूल्य का भुगतान किया जाए
कृषि से जुड़े हुए उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) नहीं लगाया जाना चाहिए
देश भर के किसानों को किसान सम्मान निधि के तहत दी जाने वाली 6,000 रुपए की वित्तीय सहायता बढ़ाई जानी चाहिए (दिसंबर 2018 में शुरू की गई पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के 5 एकड़ तक जमीन रखने वाले किसान परिवारों को 2,000 रुपए की तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये की राशि दी जाती है।
अनुवांशिक रूप से संवर्द्धित (Genetically Modifies – GM) सरसों के बीज को मंजूरी नहीं देनी चाहिए
देश की आयात और निर्यात नीति किसानों के हित में होनी चाहिए
किसानों के लिए ट्रैक्टर की 15 साल वाली नीति बदलनी चाहिए

रैली के लिए किसानों की ओर से की गई खास तैयारी
भारतीय किसान संघ की ओर से Kisan Garjana Rally रैली के लिए खास तैयारी की गई थी। दिल्ली पहुंचने से पहले रैली में आने वाले किसानों के लिए हर 10 गांव पर एक प्रमुख को नियुक्त किया गया था जो गांवों के किसानों को रैली तक ले आने के लिए व्यवस्था कर रहें थे। रैली के लिए कुछ किसान रविवार की रात में ही दिल्ली पहुंच गए थे। किसान संघ की ओर से कहा गया है वे जो मांगे कर रहें हैं वो वर्षों पुरानी लंबित मांगें हैं।
भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों ने बताया कि दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित की गई गर्जना रैली में देश के 560 जिलों की 60,000 ग्राम समितियों से करीब 1 लाख किसान दिल्ली में जुटे हैं। समिति ने ये भी बताया कि ये सभी किसान अपने-अपने साधनों से आए हैं और अपने खाने का खर्च खुद वहन कर रहे हैं। किसान संघ का कहना है कि रैला के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। आज हुई किसान गर्जना रैली के लिए देश भर के किसानों के बीच एक जनजागरण अभियान चलाया गया था। इसके लिए 20 हजार पदयात्राएं की गई, 13 हजार से अधिक साइकिल यात्राएं की गई और 18 हजार से अधिक नुक्कड़ सभाएं आयोजित की गईं थीं।
कैलाश चौधरी ने दिलाया भरोसा
किसानों की गर्जना रैली पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों ने अपनी मांगों से अवगत कराया है। सरकार इस पर हर जरूरी और संवेदनशील तरीके से विचार करेगी और समाधान ढूंढ़ने का प्रयास करेगी। कैलाश चौधरी ने कहा कि हमारे जो किसान भाई यहां दिल्ली में इकट्ठा हुए हैं, उनके ज्ञापन को लेकर हमें जानकारी प्राप्त हुई है। किसानों की मांग को लेकर भारत सरकार संवेदनशील है।
भारत में किसानों की स्थिति
केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा सोमवार 19 दिसंबर 2022 को संसद में दी गई जानकारी के अनुसार देश में प्रति कृषि परिवार औसत मासिक आय के मामले में 29,348 रुपये के साथ मेघालय भारत में पहले नंबर पर है। इसके बाद 26,701 रुपये के साथ पंजाब दूसरे स्थान आता हैं, वहीं हरियाणा तीसरे स्थान पर है जहां औसतन हरेक किसान परिवार प्रत्येक महीने में 22,841 रुपये कमता है।
वहीं, देश के अन्य राज्यों में अरुणाचल प्रदेश में 19,225 रुपये, जम्मू और कश्मीर में 18,918 रुपये, केंद्र शासित प्रदेशों का समूह में 18,511 रुपये, मिजोरम में 17,964 रुपये, केरल में 17,915 रुपये, इन सबके अलावा 10वें स्थान पर पूर्वोत्तर राज्यों का समूह है जहां प्रत्येक परिवार हर महीने 16,863 रुपये कमाता है। देश का पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में 13,552 रुपये, कर्नाटक में 13,441 रुपये, गुजरात में 12,631 रुपये, राजस्थान में 12,520 रुपये, सिक्किम में 12,447 रुपये और हिमाचल प्रदेश में एक किसान परिवार औसतन 12,153 रुपये प्रत्येक महीने कमाता है।
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