Kaamda Ekadashi 2022: कहते हैं श्रीहरि विष्णु की शरण में जाने से प्राणी के हर दुख और रोग दूर होते हैं। अंतधाम सुख प्राप्त कर बैकुंठ की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु जी पूजा अगर एकादशी के दिन की जाए तो आजीवन मनुष्य भय, क्रोध, मोह और माया से दूर होकर भवसागर से पार हो जाता है।
हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल भर में 24 एकादशी व्रत होते हैं। यानी हर माह में दो एकादशी तिथि पड़ती है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कामदा एकादशी हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी होती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है।
ये पूर्ण रूप से भगवान वासुदेव को समर्पित है। इस दिन सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु के स्मरण और पूजन मात्र से ही प्राणी के कई जन्मों के पापों का स्वत: ही अंत हो जाता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Kaamda Ekadashi 2022: यहां जानें कब है कामदा एकादशी तिथि और पूजा मुहूर्त
एकादशी तिथि आरंभ: 12 अप्रैल, मंगलवार प्रातः 04:30 से
एकादशी तिथि समाप्त: 13 अप्रैल, बुधवार प्रातः 05:02 तक
उदयातिथि के आधार पर ही 12 अप्रैल को कामदा एकादशी व्रत रखा जाएगा।
Kaamda Ekadashi 2022: हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी पर कैसे करें भगवान विष्णु का पूजन, जानें
एकादशी के दिन की शुरुआत भगवान विष्णु जी के नाम के साथ करें। स्नान से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें और भगवान की पूजा करें। एकादशी व्रत के एक दिन पहले से ही नियमों का पालन शुरू कर देना चाहिए। सबसे जरूरी है काम की प्रवृति को छोड़कर ब्रह्मचर्य का पालन करें।
मंदिर और देव स्थान की सफई के बाद भगवान श्रीविष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। उन्हें फूल, फल, तिल, दूध, पंचामृत आदि चीजें अर्पित करें। हो सके तो तिल के तेल में दीपक जलाकर कपूर आरती करें।
उसके बाद प्रसाद वितरित करें। इस दौरान मन ही मन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी या बारहवें दिन पारण करें।ब्राह्मणों को भोजन करवाकर दक्षिणा सहित विदा करने के बाद ही भोजन करें।
इस दिन श्रीविष्णु सहस्त्रनाम का जाप दिलाएगा हर काम में सफलता
एकादशी कोई भी हो इस दिन भगवान विष्णु का नाम आपको हर काम में सफलता दिलाएगा। अपने जीवन के संकट काम और व्यापार में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए सदैव श्रीविष्णु सहस्त्रनाम का जाप लाभकारी होता है। इसमें वर्णित श्रीहरि विष्णु जी के नाम लेने से ही मनुष्य को शांति और एकाग्रता का आभास होता है।
Kaamda Ekadashi 2022: पूजन के बाद करें एकादशी की आरती
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता ।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। ॐ।।
तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी ।
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।।ॐ।।
मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।। ॐ।।
पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है,
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै ।। ॐ ।।
नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ।। ॐ ।।
विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी,
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की ।। ॐ ।।
चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली,
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली ।। ॐ ।।
शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी,
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।। ॐ ।।
योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ।। ॐ ।।
कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।
श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए।। ॐ ।।
अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।। ॐ ।।
पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी ।। ॐ ।।
देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया ।। ॐ ।।
परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।।
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी ।। ॐ ।।
जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।। ॐ ।।
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