Joshimath Crisis: चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि उत्तराखंड के जोशीमठ में भारी बर्फबारी के बाद कई इमारतों में दरारें बढ़ गई हैं। उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को हुई बर्फबारी और बारिश ने ठंड को और बढ़ा दिया है, जिससे अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे भू-धंसाव प्रभावित जोशीमठ के लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा, “जोशीमठ में कुछ स्थानों पर इमारत की दरारें चौड़ी होने की सूचना मिली है। हमारी टीम हीटर और गर्म पानी जैसी सभी आवश्यक सुविधाओं की आपूर्ति करने के लिए काम कर रही है।”

Joshimath Crisis: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की अधिकारियों के साथ बैठक
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और जोशीमठ में अस्थायी राहत केंद्रों में पर्याप्त हीटर और अलाव सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा। हिमांशु खुराना ने कहा, “राहत शिविरों में बिजली की समस्याओं की निगरानी के लिए एक कार्यकारी स्तर के इंजीनियर शिविर में मौजूद हैं।”
रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ के अलावा बद्रीनाथ, स्कीइंग स्थल औली, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान और फूलों की घाटी सहित चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के ऊंचाई वाले कई प्रसिद्ध स्थानों में भी हिमपात हुआ।
इससे पूर्व आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने 20 जनवरी को मीडिया को जोशीमठ में किये जा रहे पुनर्वास एवं राहत कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “प्रभावित आठ काश्तकारों को तत्काल सहायता के रूप में 4 लाख रुपये की राशि आवंटित की गयी है। इस बीच, जोशीमठ में 218 प्रभावित परिवारों को अग्रिम राहत के रूप में 3.27 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है।
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