जदयू और बीजेपी के बीच इस समय कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। एक तरफ जहां बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने पर नीतीश कुमार केंद्र सरकार पर जोर डाल रहे हैं तो वहीं बीजेपी भी सीटों को लेकर जेडीयू से उधेड़बुन में है। बता दें कि बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर जारी खटपट के बीच दिल्ली में जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है। बैठक में एक देश एक चुनाव का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है वहीं जदयू ने असम नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया है। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिहाज से ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में ये बैठक हो रही है।
आपको बता दें 2014 लोकसभा चुनावों में जद(यू) अकेले लड़ते हुए मात्र 2 सीटों पर ही अपनी जीत दर्ज कर पाई थी। वहीं भाजपा ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन जेडी(यू) लगातार इस बात की मांग कर रही है कि बिहार विधानसभा में उसकी ताकत को देखते हुए ज्यादा सीटें दी जाए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के ‘बड़ा भाई’ जैसे रवैये से नाराज़ बताए जा रहे है और इसी क्रम में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को फोन कर पर्याप्त संकेत दे दिए हैं। बिहार के बदलते राजनीतिक घटनाक्रम को भांपते हुए, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 12 जुलाई को पटना जा रहे हैं, जहां उनकी मुलाकात नीतीश कुमार से भी होगी।
खबरों के मुताबिक, बैठक को लेकर दूसरे दलों की भी नजरें नीतीश कुमार पर टिकी हैं। मुख्य रूप से राजद की नजरें बैठक पर है। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के नेता लगातार नीतीश कुमार को साथ आने के लिए आमंत्रण दे रहे हैं, जो राजद को रास नहीं आ रहा है।