तमिलनाडु की अम्मा यानी जयललिता का निधन हो गया है लेकिन उनके जाने के बाद तमिलनाडु की राजनीति के समीकरण भी बदल गए। आलम ऐसा बना कि अम्मा की संजोयी हुई पार्टी एआईएडीएमके भी दो खेमों में बंट गई। अब हालात यह है कि अम्मा के निधन के बाद यहाँ होने वाले आरके नगर विधानसभा सीट का उपचुनाव भी चुनाव आयोग को रद्द करना पड़ गया।
रविवार यानी 9 अप्रैल को देशभर के नौ राज्यों में उपचुनाव हुए। इनमें से अम्मा के मौत के बाद खाली हुई तमिलनाडु की आरके नगर विधानसभा सीट के लिए भी चुनाव होने थे लेकिन चुनाव आयोग ने भष्टाचार की वजह से चुनाव रद्द करने की घोषणा कर दी। आयोग ने कहा कि चुनाव से पहले काफी धन-बल का प्रयोग किया गया है जिसका फायदा कुछ नेताओं को हो सकता है। जानकारी के मुताबिक चुनाव अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक करने के बाद यह फैसला लिया गया।
दरअसल, आयकर विभाग ने बीते शुक्रवार को तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भास्कर की राज्य भर में फैली संपत्तियों और दफ्तरों पर छापा मारा था। आयकर विभाग के अधिकारियों का आरोप था कि शशिकला के समर्थकों ने आरके नगर सीट पर चुनाव जीतने के लिए आम मतदाताओं को करीब 89 करोड़ रुपये बांटे हैं। इसी के मद्देनजर आईटी विभाग ने 35 जगहों पर छापे मारे जिसमे विजयभास्कर के एक सहयोगी के घर से 89 करोड़ रुपये मिले थे।
विजयभास्कर को एआईएडीएमके में शशिकला खेमे के उम्मीदवार टीटीवी दिनाकरण का भरोसेमंद माना जाता है। विजयभास्कर इस उपचुनावों के प्रमुख प्रचारकर्ताओं में भी एक रहे हैं। इनकम टैक्स को इसके अलावा भी काफी सबूत मिलें जिसके अनुसार हर मतदाता को अपने वोट के बदले 4,000 रुपये दिए गए। आयकर विभाग के जांच के घेरे में मुख्यमंत्री ई.के.पलानीसामी, वन मंत्री, वित्त मंत्री जयाकुमार भी शामिल हैं। इसके अलावा चुनाव आयोग को वोटरों को लुभाने के प्रति और भी शिकायतें मिली है जैसे लोगों को प्रीपेड रीचार्ज कूपन देना, न्यूज़पेपर सब्सक्रिप्शन, दूध का टोकन और यहां तक कि मोबाइल वॉलेट में भी पेमेंट की शिकायतें मिलीं।