Tamil Nadu में हर साल की तरह इस बार भी Jallikattu का आयोजन कई जगहो पर किया जा रहा है। सरकार की तरफ से इसके आयोजन को लेकर कोरोना एसओपी भी जारी की गयी थी। यह पोंगल त्योहार के अवसर पर आयोजित होता है। इस खेल में बैलों से इंसानों की लड़ाई कराई जाती है। जल्लीकट्टू को तमिलनाडु के गौरव तथा संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि ये 2000 साल पुराना खेल है जो उनकी संस्कृति से जुड़ा है।
जानकारी के अनुसार तमिलनाडु के मदुरै के अवनियापुरम इलाके में Jallikattu प्रतियोगिता के दौरान 48 लोग घायल हो गए।
Jallikattu खेल के तीन प्रारूप होते हैं

जलीकट्टू के खेल के तीन प्रारूप होते हैं- पहला वाटी मंजू विराट्टू, दूसरा वेलि विराट्टू और तीसरा वाटम मंजूविराट्टू है। वाटी मंजू विराट्टू यह सबसे कठिन माना जाता है इसमें निश्चित समय में खिलाड़ी को बैलों पर काबू पाना होता है। वहीं वेलि विराट्टू में बैल के सिंग पर सिक्कों की थैली बांधकर छोड़ दिया जाता है और खिलाड़ियों को इसपर काबू पाना होता है। जबकि वाटी मंजू विराट्टू के तहत बैलों को रस्सी से बंधा जाता है और खेल में हिस्सा लेने वालों को बैल को काबू करना होता है।
Jallikattu को लेकर सरकार ने जारी किया था SOP
Tamil Nadu में बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण सरकार की तरफ से एसओपी जारी की गयी थी। सरकार की तरफ से कहा गया था कि अधिकतम 150 दर्शक ही इसमें हिस्सा ले सकते हैं। जारी आदेश में कहा गया था कि आयोजन स्थल पर 50% बैठने की क्षमता और 150 दर्शक दोनों में से जो भी कम होंगे उतने ही दर्शक कार्यक्रम में शामिल होंगे। साथ ही जारी आदेश में कहा गया था कि इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज़ का सर्टिफिकेट या आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य है।
ये भी पढ़ें
- Bomb in Delhi: Ghazipur Mandi में लावारिस बैग से IED बरामद, बम निरोधक दस्ते ने किया निष्क्रिय
- Maharashtra Recovered Bones Skulls: निजी अस्पताल से भ्रूण की खोपड़ी और हड्डियां बरामद, अवैध गर्भपात का मामला, डॉक्टर और नर्स गिरफ्तार
- Parliament Budget Session 2022: 31 जनवरी से शुरू होगा बजट सत्र, 1 फरवरी को पेश होगा बजट