Tamil Nadu सरकार ने Jallikattu के आयोजनों को लेकर SOP जारी किया है। सरकार की तरफ से जारी एसएओपी के अनुसार अधिकतम 150 दर्शक ही इसमें हिस्सा ले सकते हैं। जारी आदेश में कहा गया है कि आयोजन स्थल पर 50% बैठने की क्षमता और 150 दर्शक दोनों में से जो भी कम होंगे उतने ही दर्शक कार्यक्रम में शामिल होंगे।
Jallikattu में हिस्सा लेने के लिए RTPCR नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य
साथ ही जारी आदेश में कहा गया है कि इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज़ का सर्टिफिकेट या आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य है। आदेश में कहा गया है कि आरटीपीसीआर रिपोर्ट 48 घंटे से ज़्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए।
Jallikattu क्या होता है?

Jallikattu तमिलनाडु के ग्रामीण इलाक़ों का एक परंपरागत खेल है जो पोंगल त्यौहार पर आयोजित होता है। इस खेल में बैलों से इंसानों की लड़ाई कराई जाती है। जल्लीकट्टू को तमिलनाडु के गौरव तथा संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि ये 2000 साल पुराना खेल है जो उनकी संस्कृति से जुड़ा है।
जलीकट्टू खेल के तीन प्रारूप होते हैं
जलीकट्टू के खेल के तीन प्रारूप होते हैं- पहला वाटी मंजू विराट्टू, दूसरा वेलि विराट्टू और तीसरा वाटम मंजूविराट्टू है। वाटी मंजू विराट्टू यह सबसे कठिन माना जाता है इसमें निश्चित समय में खिलाड़ी को बैलों पर काबू पाना होता है। वहीं वेलि विराट्टू में बैल के सिंग पर सिक्कों की थैली बांधकर छोड़ दिया जाता है और खिलाड़ियों को इसपर काबू पाना होता है। जबकि वाटी मंजू विराट्टू के तहत बैलों को रस्सी से बंधा जाता है और खेल में हिस्सा लेने वालों को बैल को काबू करना होता है।
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