ITBP के डीजी संजय अरोड़ा ने आज ग्रेटर नोएडा में 39वीं बटालियन में आयोजित वार्षिक परेड में आईटीबीपी में सेवा दे रहे के9 (आईएसके) ‘स्नोई’- मालिंस और घोड़े ‘चैंपियन’ को विशेष पदक से सम्मानित किया। मालूम हो कि ITBP साल 2016 से अपने सर्वश्रेष्ठ कुत्ते और सर्वश्रेष्ठ घोड़े को पदक देती आ रही है।
बीमार जवानों की देखरेख में तैनात सेना के कुत्ते
इससे पहले ITBP ने एक अनोखी पहल करते हुए बीमार जवानों के उपचार और देखभाल सेवाओं में कुत्तों को तैनात करने का फैसला भी किया था। यह अपनी तरह का पहला प्रयोग था, इसमें सेना के कुत्ते न सिर्फ जवानों के इलाज में मदद व उनकी देखभाल करेंगे बल्कि जवानों के दिव्यांग बच्चों को भी संभालेंगे।
दरअसल, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में तैनात 3500 के करीब कुत्तों के सेवानिवृत्त होने के बाद इनके जीवित रहने की चुनौतियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में आईटीबीपी ने इन कुत्तों को स्वास्थ्य व देखभाल सेवाओं में लगाने का फैसला लिया है।
सेना में सेवा देने के बाद कुत्तों को रिटायर किया जाता है
बता दें कि अपनी जिंदगी के 14-15 सालों में ये कुत्ते सुरक्षा बलों को कई तरह के भारी जानमाल के नुकसान से बचाते हैं। इसके चलते कई कुत्तों को जान भी गंवानी पड़ी है। रिटायरमेंट के बाद सुरक्षा बल ही इन कुत्तों की देखरेख करते हैं। अंतिम सांस तक ये बल का हिस्सा बने रहते हैं, हालांकि इन्हें सक्रिय ड्यूटी से दूर रखा जाता है।
रिटायरमेंट के बाद इनकी दिनचर्या का नया चार्ट तैयार होता है। इन्हें पहले जैसा ही खाना मिलता है, मगर उसकी मात्रा तीस फीसदी कम कर दी जाती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक रिटायरमेंट के बाद कोई भी कुत्ता बल परिसर से बाहर नहीं जाएगा। ये कुत्ते आजीवन बल का हिस्सा बने रहेंगे।
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