अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने भारतीय मूल की अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ को मुख्य अर्थशास्त्री नियुक्त किया है। आईएमएफ ने एक बयान के अनुसार गोपीनाथ मारीस ओब्स्टफील्ड का स्थान लेंगी। ओब्स्टफील्ड 2018 के अंत में सेवानिवृत्त होंगे। फिलहाल गीता गोपीनाथ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टडीज ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर हैं। उन्होंने इंटरनेशनल फाइनेंस और मैक्रोइकोनॉमिक्स में रिसर्च की है।

आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टीन लगार्डे ने सोमवार को गीता गोपीनाथ की नियुक्ति की जानकारी देते हुए कहा, ‘गीता दुनिया के बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक हैं। उनके पास शानदार अकादमिक ज्ञान, बौद्धिक क्षमता और व्यापक अंतरराष्ट्रीय अनुभव है।’

आईएमएफ में इस पद पर पहुंचने वाली गीता दूसरी भारतीय हैं, जबकि पहली भारतीय महिला हैं। उनसे पहले भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी आईएमएफ में प्रमुख अर्थशास्त्री रह चुके हैं।

गीता अमेरिकन इकोनॉमिक्स रिव्यू की सह-संपादक और नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च में इंटरनेशनल फाइनेंस एंड मैक्रोइोकनॉमिक की सह-निदेशक भी हैं। गीता ने व्यापार और निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मुद्रा नीतियां, कर्ज और उभरते बाजार की समस्याओं पर लगभग 40 रिसर्च लेख लिखे हैं।

गोपीनाथ ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए और दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स और यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन से एमए की डिग्री हासिल की। उसके बाद उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्रिंसटन विश्वविद्यालय से 2001 में प्राप्त की। गीता गोपीनाथ अमेरिकी आर्थिक समीक्षा, अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र जर्नल से जुड़ी रही हैं।

केरल सरकार ने गीता को पिछले साल राज्य का वित्तीय सलाहकार नियुक्त किया था। गीता का जन्म केरल में ही हुआ था। जब केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गीता की नियुक्ति की थी तो उस समय उन्हीं की पार्टी के कुछ लोग नाराज भी हुए थे। उस समय गीता ने कहा था कि ये पद मिलने के बाद वो सम्मानित महसूस कर रही हैं।