पिछल कुछ दिनों से भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर बनी BBC की दो एपिसोड की एक डॉक्यूमेंट्री – इंडिया: द मोदी क्वेश्चन (India: The Modi Question) को लेकर खासी चर्चा हो रही है। सीरीज का पहला एपिसोड जो 17 जनवरी 2023 को ब्रिटेन में प्रसारित हुआ था के आते ही बवाल होना शुरू हो गया।
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क्या है ऐसा इस BBC डॉक्यूमेंट्री में जिसको लेकर हो रहा है बवाल?
वहीं, 24 जनवरी को India: The Modi Question शृंखला का दूसरा एपिसोड भी प्रसारित हो गया है। BBC द्वारा बनाई गई इस डॉक्यूमेंट्री के प्रथम एपिसोड में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के शुरुआती राजनीतिक करियर को दिखाया गया है जिसमें वे कैसे भारतीय जनता पार्टी में आगे बढ़ते हुए, गुजरात के मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचते हैं।

इसके साथ ही इस डॉक्यूमेंट्री में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ जुड़ाव, भाजपा में उनके बढ़ते कद और गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर हुई उनकी ताजपोशी को लेकर भी चर्चा की गई है। लेकिन इस डॉक्यूमेंट्री में जिस बात को लेकर विवाद हो रहा है वो है मोदी के मुख्यमंत्री रहते 2002 में गुजरात में हुए दंगों को लेकर किया गया जिक्र। सीरीज के इस हिस्से में गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित भूमिका को लेकर बात कही गई है। इसी को लेकर ये सारा विवाद हो रहा है।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
जैसे ही इस डॉक्यूमेंट्री को भारत में कई ट्विटर (Twitter) और यूट्यूब (YouTube) पेजों पर डाला जाने लगा वैसे ही भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने IT नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए। आदेश जारी किया कि, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के पहले एपिसोड के YouTube और Twitter पर शेयर किए गए सभी वीडियो को हटाया जाए। आदेश के आते ही YouTube और Twitter दोनों ने इन सभी वीडियो को अपने प्लेटफार्म से हटा दिया है।
BBC को लेकर क्या कहा था नरेंद्र मोदी ने?
एक कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी ने BBC को लेकर कहा था कि ये हमारे मीडिया वर्ल्ड जब तक हमारे देश में आकाशवाणी (Akashvani) थी, दूरदर्शन (Doordarshan) थी, लिमिटेड अखबार थे तब तक आम आदमी के बीच बात क्या होती थी… ये कहते थे कि यार ये तो मैंने बीबीसी पर सुना है… यानी उसे हमारे देश की आकाशवाणी कह रही है भरोसा नहीं है, दूरदर्शन कह रहा है भरोसा नहीं है, अखबार इतने खर्चा करके निकल रहा है… उस पर भरोसा नहीं। आम आदमी कहता था, नहीं यार मैंने तो बीबीसी पर सुना है। अब ये जो Credibility है, सरकार की व्यवस्थाओं पर से भरोसा उठ जाना, ये मैं समझता हूं, बहुत ही बड़ा खतरा है और जब व्यवस्थाओं पर से भरोसा उठ जाए तो व्यक्ति अलग रास्ते खोजता है, जब न्याय पर से उसका भरोसा उठ जाए तो खुद ही न्याय करने की दिशा में चला जाता है… यानी इसके कारण पूरी समाज व्यवस्था का Deterioration भी होता है…