आज के समय में जहां देखो हर किसी को सेल्फी लेने का मानो चसका सा लग गया है। अच्छी-अच्छी जगह धूमने जाना और वहां जाकर सेल्फी लेकर सोशल साइट्स पर डालना सबको पसंद है लेकिन सेल्फी लेने के इस खुमार ने हमे इतना पागल बना दिया है कि हम सोचते भी नहीं की कहीं यह हमारी आखिरी सेल्फी न हो।

हाल ही में सेल्फी लेने से मौत का नया वाक्या सामने आया है। होली के मौके पर जोधपुर की एक पुरानी बावड़ी में गिरने से एक मेजर की मौत हो गई। मेजर संजय द्विवेदी जोधपुर में सेना की सिग्नल रेजिमेंट में तैनात थे। वह बावड़ी के बिल्कुल किनारे पर खड़े होकर सेल्फी ले रहे थे तभी उनका संतुलन बिगड़ गया और उनका पांव फिसल गया और वह सीधे बावड़ी में जा गिरे। बावड़ी में लगभग सौ से डेढ़ सौ फीट पानी भरा हुआ था। पुलिस ने बताया कि मेजर संजय द्विवेदी अपने दोस्तों के साथ घंटाघर क्षेत्र में एक होटल में खाना खाने गए थे। खाना खाने के बाद वह होटल के पास स्थिच तूरजी की बावड़ी देखने चले गए जो की बहुत पुरानी है और पर्यटकों के लिए धूमने की जगह है। मेजर के गिरते ही उनके दोस्तों ने होटल व बाद में अपनी यूनिट को सूचना दी। सूचना मिलने के बाद तलाशी अभियान शुरू किया।

सेना के गोताखोरों के काफी तलाश करने के बाद भी शव नहीं मिल पाया जिसके बाद पम्प से बावड़ी का पानी निकाला गया। लगभग 12 घंटे के बाद मेजर का शव मिल पाया।

अमेरिका स्थित कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी और दिल्ली के इंद्रप्रस्थ इंस्टिटयूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी द्वारा की गई स्टडी के बाद डॉन डॉट कॉम ने खबर छापी जिसके मुताबिक सेल्फी लेने के चक्कर में जान गंवाने में भारत अव्वल नंबर पर है। सेल्फी के कारण भारत में मार्च 2014 में लगभग 127 लोगों की जान गई है। भारत के बाद पाकिस्तान दूसरे नंबर पर जबकि अमेरिका तीसरे स्थान पर है।

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