देश का विधायक क्या होता है अब शायद जनता को समझ में आ रहा होगा। शासन, प्रशासन और कानून से भी बड़ा होता है एक विधायक, कुछ ऐसा ही जनता अब समझ रही होगी। पैसे और पॉवर के बीच इंसाफ की लड़ाई में पीड़िता को अगर मालूम होता कि उसके पिता की जान चली जाएगी तो शायद वो ये लड़ाई कभी नहीं लड़ती। हालांकि जब शासन और प्रशासन मौन हो जाता है तो आदमी न्याय का दरवाजा खटखटाने न्यायालय जाता है। उन्नाव गैंगरेप मामला भी अब न्यायालय पहुंच गया है। उन्नाव गैंगरेप मामले में एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और मामले की जांच सीबीआई से कराने की भी मांग की गई है। अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दाखिल की गई इस याचिका में कहा गया है कि पुलिस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है।
वहीं मामले को तूल पकड़ते देख उन्नाव गैंगरेप मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी बुधवार शाम को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग को निर्देश दिए थे कि उन्नाव मामले में गठित की गई एसआईटी उन्नाव का दौरा कर बुधवार तक मामले में पहली रिपोर्ट पेश करे। इस मामले में कल शाम उत्तर प्रदेश के डीआईजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) प्रवीण कुमार भी मीडिया से मुखातिब हुए। मीडिया के सामने पुलिस का पक्ष रखते हुए डीआईजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) प्रवीण कुमार ने बताया कि एसआईटी के गठन के बाद हमारा अगला कदम जल्द से जल्द जांच करना होगा। उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेने के साथ ही हर पहलू पर जांच शुरू कर दी है। एसआईटी के गठन के बाद हम चाहते हैं कि शिकायत में जितने भी बिंदुओं का जिक्र किया गया है, सभी पर बिंदुवार जांच की जाए।
बता दें कि उन्नाव गैंगरेप मामले में रेप पीड़िता के पिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये साबित हो गया है कि उसे बेरहमी से पीटा गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने लिखा है कि मारपीट में उसकी बड़ी आंत फट गई थी। शरीर पर 14 स्थानों पर गंभीर चोट के निशान पाए गए हैं। ये चोट 6-7 दिन पुराने होने की भी पुष्टि हुई है। इसके अलावा पीड़िता के चाचा और विधायक कुलदीप सिंह का एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें विधायक पीड़िता के चाचा को केस बंद करने के लिए जोर दे रहा है। ऐसे में तमाम जांच-पड़ताल के बाद क्या न्याय मिल पाएगा, यह आने वाला वक्ता बताएगा क्योंकि अभी उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश नहीं बन सका है।