जहां सभी राजनेता अपने चेहरे को पीएम उम्मीदवार के रुप में देखना पसंद करना चाहते है, वहीं बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर से विपक्ष का पीएम उम्मीदवार होने की बात को खारिज कर दिया है। सोमवार को पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान सीएम नीतीश ने कहा, ’मैंने पहले भी कहा है कि मैं 2019 में विपक्ष का प्रधानमंत्री चेहरा नहीं हूं और न ही पात्र हूं।’ उन्होंने कहा कि हम छोटी सी एक क्षेत्रीय पार्टी है इसलिए हम इस रेस से बाहर है। सीएम ने राष्ट्रपति चुनाव के मामले में कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष ने राष्ट्रपति उम्मीदवारी तय करने को लेकर उनकी पार्टी को विश्वास में नहीं लिया और नहीं उनसे पूछना जरूरी समझा। उन्होंने बताया कि विपक्ष के पास वैकल्पिक एजेंडा होना चाहिए क्योंकि बिना विपक्ष की एकता से संघ मुक्त भारत फलीभूत नहीं हो सकता है।
राष्ट्रपति चुनाव के मामले में राजनीतिकरण इस प्रकार से किया गया कि किसानों का मुद्दा कही पीछे छूट गया। रही बात सिद्धांतों की तो सिद्धांत हम नहीं आप तोड़ रहे है, पहले आपने गांधी और अब नेहरू के सिद्धांतो को तिलांजली दी हैं। उन्होंने कहा कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है और उसे 2019 में लोकसभा चुनाव में पीएम उम्मीदवारी के रुप में एक बड़ा एजेंडा तैयार करना चाहिए।
प्रेस कॉन्फ्रेस में सीएम के बोल-
मैं 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में पीएम पद का चेहरा नहीं बनना चाहता हूं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनके अंदर पीएम बनने की योग्यता नहीं है।
हमारा उद्देश्य सदैव साफ और निराधार रहा है जिसके बल पर हम बिहार की सत्ता में आए है।
जीएसटी पर नीतीश ने कहा कि वह सदैव जीएसटी के समर्थन में रहे है चाहे यूपीए में हो या एनडीए में।
शुरुआती दौर में जीएसटी के वजह से कुछ दिक्कते आ सकती है लेकिन एक टैक्स की व्यवस्था पूरे देश में लागू होने से सभी को इसका लाभ मिलेगा।
सुशील मोदी पर नीतीश ने कहा कि वे उनके पुराने साथी हैं, वे बयान देते रहते हैं और इसमें उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के रैली में नहीं पहुंचने के लिए नीतीश ने कहा कि रैली में पहुंचने का अनौपचारिक न्योता मिला था।
महागठबंधन पर उठ रहे सवाले पर सीएम ने कहा कि बिहार में महागठबंधन अटूट है, सभी पार्टियों के विचार अलग-अलग हो सकते हैं।