आम आदमी पार्टी की मुश्किलों में दिनो-दिन इजाफा होता जा रहा है। एक तरफ चुनाव में उन्हें लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है दूसरी ओर पार्टी के अंदर की कलह भी थमने का नाम नहीं ले रही है। इन सबके अलावा आम आदमी पार्टी के ऊपर एक और मुसिबत तब आ गई जब गृह मंत्रालय ने उन्हें विदेश से मिलने वाले चंदे का ब्यौरा मांग लिया।
मंत्रालय ने आप के विदेशी चंदे का रिकॉर्ड संदिग्ध होने के आधार पर विदेशी सहायता नियमन कानून 2010 :एफसीआरए: के तहत 3 मई को नोटिस जारी कर पार्टी को विभिन्न देशों से मिले चंदे की जानकारी मांगी है। सूत्रों के अनुसार नोटिस में मंत्रालय द्वारा पार्टी को विदेश से मिल रहे चंदे को एफसीआरए के तहत संदेहास्पद बताते हुए चंदे की विस्तृत जानकारी 16 मई तक बताने को कहा गया है।
इस नोटिस से आम आदमी पार्टी फिर से बीजेपी के ऊपर उन्हें परेशान करने का आरोप लगा रही है। पार्टी का कहना है कि उन्होंने पहले भी विदेश से आने वाले चंदे की जानकारी गृह मंत्रालय को दी है लेकिन फिर भी केंद्र सरकार जबरन उन्हें परेशान कर रही है।
आप के नेता दिलीप पांडे ने नोटिस मिलने की पुष्टि करते हुये बताया कि गृह मंत्रालय ने दो दो बार कोर्ट में हलफनामा दिया है कि आप की फंडिंग में कोई गड़बड़ी नहीं है, फिर भी भाजपा परेशान परेशान कर रही है। आप नेता राघव चड्ढा ने कहा कि हाल ही में पंजाब सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान आप को मिले चंदे का पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग के समक्ष पेश किया गया था। इसके बावजूद एफसीआरए का नोटिस और इससे एक दिन पहले सीबीआई की छापेमारी से साफ हैं कि केन्द्र सरकार ने बदले की भावना से आप के खिलाफ खुला खेल शुरू कर दिया है।
इसके अलावा पार्टी की दलील है कि सामान्य तौर पर एफसीआरए के तहत दानदाताओं के नाम और पैन नंबर की जानकारी मांगी जाती है। इसके अलावा पार्टी ने राजनीतिक दलों को दान देने वालों की सूची देना भी व्यवहारिक नहीं होने का हवाला देते हुए इसे केंद्र सरकार का आप के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया बताया है।