उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ)ने गोरखपुर की राजेश्वरी श्रीवास्तव उर्फ राखी हत्याकाण्ड का खुलासा करते हुए उसके पति चर्चित आर्यन हास्पिटल के डाक्टर धर्मेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ डी पी सिंह को उसे दो साथियों के साथ शुक्रवार को गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने द्वारा आर्यन अस्पताल के डा0 डी पी सिंह ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर नेपाल में जून में अपनी प्रेमिका यानि दूसरी पत्नी राजेश्वरी श्रीवास्तव उर्फ राखी की हत्या कर उसके शव को नेपाल के पोखरा में फेक दिया था।
इस घटना का खुलासा करते हुए एसटीएफ ने मुख्य आरोपी डा0 डी0पी0 सिंह और उसके दो साथियों प्रमोद कुमार सिंह और देश दीपक निषाद को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लोगों के पास से राजेश्वरी का निर्वाचन आयोग पहचान पत्र तीन मोबाइल फोन और नेपाली रिर्चाज कार्ड कीमत 100 के अलावा अन्य दस्तावेज और एटीएम कार्ड आदि बरामद किए गये हैं। उन्होंने बताया कि गोरखपुर के शाहपुर थाने में 24 जून को श्रीमती राजेश्वरी श्रीवास्तव के गायब होने के सम्बन्ध में उसके भाई अमर प्रकाश श्रीवास्तव ने इस सम्बन्ध में मनीष सिन्हा निवासी लोहगरा वजीरगंज गया (बिहार) के विरूद्ध पंजीकृत कराया था।
सिंह ने बताया कि इस घटना के खुलासे के लिए एसटीएफ को लगाया गया था। गोरखपुर एसटीएफ की फील्ड इकाई को सूचना संकलन के दौरान जानकारी मिली कि राखी के पति डा0 धर्मेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ डी पी सिंह ने अपने साथियों प्रमोद कुमार सिंह और देश दीपक निषाद ने राजेशवरी उर्फ राखी श्रीवास्तव की हत्या कर सारंग कोट जिला कास्की पोखरा नेपाल में पहाड़ से नीचे शव को फेंक दिया है।
उन्होंने बताया कि आरोपियों के बारे में सूचना प्राप्त हुई कि स्कार्पियाे में सवार डा0 धर्मेन्द्र प्रताप सिंह अपने साथियों के साथ दाऊदपुर चौराहा की तरफ से जायेगा। इस सूचना पर एसटीएफ निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ की टीम ने दाऊदपुर चौराहे पर साढ़े बारह बजे तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ पर डा0 धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि नेपाल से राखी का फोन आने पर उसने अपने दोनों साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या करने की योजना बनायी थी। योजना के तहत वे लोग गोरखपुर से स्कार्पियों लेकर नेपाल गये और वहां राजेश्वरी की पोखरा जिला कास्की के पास हत्या कर दी और उसके शव को पहाड़ से फेंक दिया था। इस संबंध में नेपाल में भी अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा पंजीकृत है। राखी के निर्वाचन पहचान पत्र के सम्बन्ध में पूछने पर डी पी सिंह ने बताया कि राखी के शव की पहचान न हो सके इस लिए उसने इसे अपने पास रख लिया था, जो उसके कोट में ही रह गया था। आगे की विवेचना स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
-साभार, ईएनसी टाईम्स