प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव में अच्छे दिन आने वादा किया था। पीएम के इस वादे का असर अब दिखने लगा है, क्योंकि काफी दिनों से घाटों में चल रही भारतीय रेलवे को इस वित्तीय वर्ष में काफी फायदा हुआ है। हालांकि हाल ही में केंद्रीय रेल मंत्री के प्रदर्शन में गिरावट आई थी जिसके लिए पीएम मोदी ने उन्हें हिदायत भी दी थी। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने पीएम की बातों पर संज्ञान लेते हुए कुछ ठोस कदम उठाए और उसका परिणाम अब देखने को मिल रहा है। दरअसल, वित्त वर्ष 2017 में रेलवे के माल ढुलाई और यात्रियों की संख्या में गिरावट आई थी। जिसके बाद मंत्रालय की तरफ से उठाए गए कदमों के कारण रेलवे की ग्रोथ अब पटरी पर लौटती दिखाई दे रही है।
आंकड़ो की मदद से जानिए कैसे आए रेलवे के अच्छे दिन:
- 31 मार्च 2017 को खत्म हुए वित्त वर्ष में भारतीय रेलवे ने 1.107 अरब टन की माल ढुलाई की।
- सरकार ने इस साल 1.094 अरब टन का लक्ष्य रखा था जिसे रेलवे ने पार कर लिया।
- रेलवे को यात्री भाड़े से तकरीबन 48,000 करोड़ रुपये की आमदनी होने का अनुमान है। यह पिछले साल के मुकाबले 2,000 करोड़ रुपये ज्यादा है।
- माल भाड़े से रेलवे को 1.09 लाख करोड़ रुपये के फायदा का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 1.04 लाख करोड़ था।
- नॉन कोर रेवेन्यू मसलन स्क्रैप की बिक्री और विज्ञानों से कुल 11,000 करोड़ रुपये की आमदनी हुई।
- रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि इस वित्त वर्ष के लिए लक्ष्य 1.2 अरब टन है।
वित्त वर्ष 2016 में भारतीय रेलवे को 1.62 लाख रुपये की आमदनी हुई थी। वित्त वर्ष 2017 में रिकॉर्ड बनाने के बाद रेलवे अगले वित्त वर्ष में और बेहतरी की उम्मीद कर रहा है। हालांकि रेलवे की वित्तीय सेहत में सुधार के बावजूद इसका परिचालन खर्चा 95 फीसदी के ऊंचे स्तर पर बना हुआ है, लिहाजा रेल मंत्री सुरेश प्रभु को भारतीय रेलवे में पूर्णत: सुधार करने के लिए अभी और मेहनत करने की जरूरत है।