Farmer’s Protest In Delhi: ट्रकों की नो एंट्री, कंटीले तारों की बैरिकेडिंग, किसानों का दिल्ली कूच आज

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Farmer’s Protest In Delhi: पंजाब के प्रदर्शनकारी किसान आज दिल्ली कूच कर रहे हैं। किसान संगठन केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर है। पुलिस ने दिल्ली के बॉर्डर को सील कर दिया है। पुलिस ने सुरक्षा के देखते हुए राजधानी में धारा-144 भी लागू कर दी है। गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर बैरिकेडिंग और लोहे के कंटीले तार लगाकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।

किसानों ने बैठक के बाद कहा कि बातचीत बेनतीजा रही और हम सुबह दिल्ली की तरफ मार्च शुरू करेंगे। केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों की तरफ से ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान किया गया है। बैठक खत्म होने के बाद किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि ‘दिल्ली चलो’ मार्च जारी है। किसानों के एक प्रतिनिधि ने मीडिया से कहा, “दो साल पहले, सरकार ने हमारी आधी मांगों को लिखित रूप में पूरा करने का वादा किया था, हम इस मुद्दे को शांति से हल करना चाहते थे, लेकिन सरकार ईमानदार नहीं है। वह सिर्फ समय बर्बाद करना चाहते हैं। “

दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च को राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठाया है। सिंघु, टिकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात है। पुलिस ने सार्वजनिक बैठकों और शहर में प्रवेश करने वाले ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों पर एक महीने का प्रतिबंध लगा दिया है। प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली में 12 मार्च तक सभी बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध रहेगा।

हरियाणा में अधिकारियों ने अंबाला, जिंद, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सिरसा समेत कई स्थानों पर पंजाब के साथ राज्य के बहुत से बॉर्डर्स को मजबूत कर दिया है। सड़कों पर बैरिकेडिंग करने और प्रदर्शनकारियों को राज्य में घुसने से रोकने के लिए कंक्रीट ब्लॉक, लोहे की कीलें और कंटीले तारों का इस्तेमाल किया गया है। सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान के खिलाफ 2021 कानून भी लागू किया है। जिसके तहत अपराधियों को भुगतान करना होगा। हरियाणा ने राज्य गृह विभाग ने सिविल और पुलिस अधिकारियों को नियम का पालन करने का निर्देश दिया है। किसान आंदोलन में 250 से अधिक किसान यूनियन शामिल हैं। इन किसानों का उद्देश्य सरकार को दो साल पहले किए गए वादों की याद दिलाना है।

इन मुद्दों पर नहीं बन पा रही है सहमति

सूत्रों के मुताबिक, सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत में बिजली अधिनियम 2020 रद्द करने, लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को मुआवजा, किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने पर सहमति बनी है। हालांकि MSP गारंटी कानून, किसान कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग पर पेंच अभी भी फंसा हुआ है।

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