एक देश एक चुनाव को लेकर छिड़ी बहस के बीच चुनाव आयोग के तरफ से यह बयान आ गया है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और चार राज्यों के विधानसभा चुनाव एकसाथ कराए जा सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि हमारी तरफ से तैयारी पूरी है और हम ऐसा कर सकते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ओ.पी. रावत ने बुधवार को कहा कि यदि लोकसभा चुनाव समय से पहले खिसकाया जाता है तो चुनाव आयोग लोकसभा और चार राज्य विधानसभाओं का चुनाव एक साथ दिसम्बर में कराने में सक्षम है। रावत की यह टिप्पणी उस सवाल पर आई कि यदि लोकसभा चुनाव मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और राजस्थान विधानसभा चुनाव के साथ दिसंबर में हों तो क्या चुनाव आयोग उसके लिए तैयार है? इस पर रावत ने कहा, ‘क्यों नहीं. कोई समस्या नहीं होगी।’

बता दें कि मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल 15 दिसंबर को पूरा हो रहा है। वहीं, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा क्रमश: 5 जनवरी, 7 जनवरी और 20 जनवरी को अपना कार्यकाल पूरा कर लेंगी। दिसंबर में चुनाव कराने को लेकर ओपी रावत ने कहा कि  इसके लिए जरूरी 17.5 लाख में से 1.5 लाख वीवीपैट मशीनें आयोग को नवंबर के आखिर में मिलेंगी। उनकी पहले स्तर की जांच मुश्किल होगी और कुछ छोटी-मोटी दिक्कतें रह जा सकती हैं।

उन्होंने बताया कि वीवीपैट को हर पोलिंग बूथ में इस्तेमाल किया जाएगा। इससे मतदाता को वोट डालने के बाद एक पर्ची मिलेगी, जिसमें उनके दिए वोट की जानकारी होगी।  यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि एक दिन पहले ही मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा था कि वर्तमान परिदृश्य में पूरे देश में एक साथ चुनाव संभव नहीं है।

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