अगले महीने टोक्यो में होने वाले पैरालंपिक 2020 के लिए सभी भारतीय खिलाड़ी तैयार है। अपने देश के लिए खेलने को लेकर सभी बेहद खुश है। इस ओलंपिक में उत्तर प्रदेश के कई खिलाड़ीयों ने भाग लिया है। वहीं साथ ही गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई भी टोक्यो पैरा ओलंपिक में भाग ले रहे है। वर्ल्ड बैडमिंटन फेडरेशन ने उनको सलेक्ट किया है। इस बारे में इंडियन एसोसिएशन को जानकारी भी दे दी गई है। आपको हम बता दें कि सुहास एलवाई एक प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ-साथ तेज-तर्रार खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर देश का झंडा फहराया है।

सुहास एलवाई ने टोक्यो पैरा ओलंपिक के लिए चयन होने पर सूचना खुद दी है। उन्होंने कहा है कि “मैं फिर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की पूरी कोशिश करूंगा। इस बार फिर स्वर्ण पदक हासिल करना मेरा लक्ष्य है.” सुहास एलवाई दुनिया के नंबर-3 बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. साल 2018 में हुए पैरा ओलंपिक में भी सुहास एलवाई ने स्वर्ण पदक जीत कर देश का नाम ऊंचा किया था।

सुहास का पूरा नाम सुहास लालिन केरे यतिराज है । यह मूल रूप से कर्नाटक के शिमोगा के रहने वाले हैं। वो एक भारतीय पेशेवर पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी भी हैं। इसके साथ ही वह साल 2007 बैच के आईएएस अफसर हैं. सुहास वर्तमान में पुरुष एकल में दुनिया में तीसरे नंबर पर मौजूद हैं। वहीं, यूपी के गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी के तौर पर करीब डेढ़ साल से कार्य कर रहे है। इससे पहले वह प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट भी रह चुके हैं. तब मार्च 2018 में वाराणसी में आयोजित हुई दूसरी राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर नेशनल चैंपियन बने थे।
सुहास ने साल 2016 में हुए एशियाई पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप बीजिंग में वह एक पेशेवर अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय नौकरशाह खिलाड़ी बने थे। उस दौरान वह आजमगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य कर रहे थे।. तब उन्होंने फाइनल में इंडोनेशिया के हैरी सुसांतो को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।

सुहास की पत्नी रितु सुहास भी एक पीसीएस ऑफिसर हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुहास एलवाई को यश भारती अवॉर्ड से नवाजा है इसके अलावा दिसंबर 2016 को ‘वर्ल्ड डिसेबिलिटी डे’ के अवसर पर उन्हें स्टेट का बेस्ट पैरा स्पोर्ट्सपर्सन के लिए चुना गया था।